MP News: ऐतिहासिक चिकित्सक संपर्क यात्रा पहुंची खंडवा, पूरे हुए 6 दिन, पढ़ें पूरी खबर

Manisha Kumari Pandey
Published on -

MP News: 1 फरवरी को चिकित्सक संपर्क यात्रा के 6 दिन पूरे हो चुके हैं। चिकित्सकों ने करीब हजारों किलोमीटर की यात्रा और तकरीबन 3000 अन्य चिकित्सकों से सीधे मुलाकात कर लिया है। मध्यप्रदेश के कई शहरों से होते हुए आज खंडवा पहुँच चुकी है। खंडवा जिला चिकित्सालय पहुंची में यात्रा का स्वागत किया गया है। बता दें की ग्वालियर से 27 जनवरी को यह यात्रा शुरू हुई थी। जो ग्वालियर संभाग से होती हुई रीवा, शहडोल, सीधी, सतना, पन्ना, छतरपुर, उमरिया, सीधी, मंडला में चिकित्सकों के मुलाकात करते हुए। आज खंडवा जिला पहुँच चुकी है।

 

खराब स्वास्थ्य व्यवस्था से परेशान चिकित्सक

इस पूरी यात्रा में चिकित्सकों के बीच जबरदस्त उत्साह और समर्थन नजर आ रहा है। यात्रा के जरिए प्रदेश के सभी चिकित्सकों ने एक स्वर में कहा कि वह प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से बहुत ज्यादा आक्रोशित हैं। अस्पतालों में
संसाधनों की कमी है। चिकित्सकों के 50% से ज्यादा पद खाली हैं। जिसका असर मरीजों के इलाज पर पड़ता है। और खामियाजा सीधे तौर पर डॉक्टर को भुगतना पड़ता है। जबकि इन मामलों की पूरी जिम्मेदारी उच्च स्तर के अधिकारियों की है। सभी चिकित्सक गांव, तहसील, जिले,कस्बे में कार्य करने वाले डॉक्टर अत्यधिक मरीजों की संख्या, पदों की अनुपलब्धता और आगे बढ़ने के अवसर ना होने के कारण बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि वह चिकित्सक महासंघ के साथ हैं और उसके कहने पर वह हर कदम उठाने को तैयार हैं।

यात्रा का प्रभाव

चिकित्सक महासंघ की समर्थन का कुछ ऐसा है कि 50 – 50 किलोमीटर दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले डॉक्टर्स को जब पता चलता है कि चिकित्सक संपर्क यात्रा उनके जिले के आसपास से निकल रही है, तो उसमें शामिल होने और यात्रा करने वाले पदाधिकारियों से मिलने रोड पर पहुंच जाते हैं। चकित्सक संपर्क यात्रा 3 तारीख को इंदौर और 7 तारीख को भोपाल पहुंचेगी। जिसे लेकर भोपाल के सभी चिकित्सकों में बेहद उत्साह है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News