भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एमपी कैडर (MP Cadre) के 2014 बैच के IAS अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ को प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने कारण बताओ नोटिस (so cause notice) जारी किया है। जांगिड़ पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कार्मिक विभाग (personnel department) की प्रमुख सचिव के साथ अपनी बातचीत को टेप (tape) कर सार्वजनिक कर दिया। प्रदेश में हो रही पोस्टिंग (posting) लेकर आहत अपनी प्रतिक्रिया से जांगिड़ (Lokesh Kumar Jangid) एक दिन पहले ही चर्चा में आए थे।
54 महीने में 8 तबादलों (transfers) की तलवार झेल चुके मध्य प्रदेश के युवा व ऊर्जावान IAS अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ को सामान्य प्रशासन विभाग ने नोटिस जारी किया है। अवर सचिव फजल मोहम्मद के हस्ताक्षर से जारी इस कारण बताओ नोटिस में जांगिड़ पर आरोप लगाया गया है कि 31 मई 2021 को जब उनका स्थानांतरण अपर कलेक्टर जिला बड़वानी से संचालक राज्य केंद्र भोपाल में किया गया तो इसकी सूचना प्रमुख सचिव कार्मिक दीप्ति गौङ मुखर्जी द्वारा उन्हें दूरभाष पर दी गई थी। जांगिड़ पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रमुख सचिव और खुद के बीच हुई बातचीत को टेप किया और इस बातचीत को सार्वजनिक कर दिया।
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8 जून को हुई इस बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट प्रति भी जांगिड़ को भेजी गई है। उनका यह कृत्य प्रमुख सचिव कार्मिक की निजता को भंग किए जाने और प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत विभागीय प्रमुख का विश्वास भंग किये जाने का आरोप लगाया गया है। जांगिड़ से यह भी कहा गया है कि उनके द्वारा किया गया यह कृत्य अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियम 1966 के प्रावधानों के खिलाफ है और सात दिन के अंदर उनसे इस विषय में स्पष्टीकरण मांगा गया है। हालांकि जांगिड़ का कहना है कि उन्होंने अपने चार आईएएस साथियों को सद्विश्वास में बातचीत भेजी थी जब उन्होंने जांगिड़ से पूछा था कि बड़वानी से इतना जल्दी ट्रांसफर कैसे हुआ, क्या कुछ कहा जीएडी ने। जांगिड़ का यह भी कहा है कि इसमें किसी निजी या गोपनीय स्वरूप की जानकारी उन्हें नहीं थी और उन्होंने यह ऑडियो सद्भाव में अपने साथियों को दिया था।
मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के एक युवा IAS अधिकारी से सरकार के साथ-साथ IAS बिरादरी भी नाराज हो गई । दरअसल इस युवा अधिकारी ने प्रदेश में आईएएस पोस्टिंग (IAS Posting) में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए थे जिसके चलते उन्हें आईएएस ग्रुप से ही डिलीट (delete) कर दिया गया है। तबादले को लेकर उन्होंने आईएस ग्रुप के सिग्नल ग्रुप में लिखा “खास बात यह है कि जो अफसर फील्ड में सारे प्रकार के माफियाओं से पैसा उगाही करते हैं। उन्हें ट्रांसफर भी किया जाता है तो एक फील्ड से दूसरी फील्ड में पोस्टिंग दी जाती है और ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा संदेह से परे कार्य करने वाले जो अफसर हैं उन्हें सचिवालय में फेंक दिया जाता है।”
उन्होंने लिखा कि “शहडोल में एसडीएम रहते हुए भी मेरे साथ यही सलूक किया गया था। मैंने तत्कालीन कलेक्टर शहडोल नरेश पाल से कहा था कि आप कमजोर कलेक्टर हैं और इस बात पर मेरा तबादला कर मुझे सचिवालय फेंक दिया गया।” इस पर आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष आईपीसी केसरी ने लिखा “लोकेश सवाल भय होने ना होने का नहीं है। तुमने न केवल अपने कलीग पर आरोप लगाया है बल्कि उनके परिवार पर भी। आप सारी पोस्ट डिलीट कर दो और आगे से ऐसा कुछ मत लिखना।” इस पर लोकेश ने जवाब दिया “मैं डिलीट नहीं करूंगा। मैं जानता हूं आप आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष है और आपके पास पूर्ण शक्तियां निहित है। शुभकामनाएं।” इसके लोकेश को ग्रुप से डिलीट कर दिया गया।
मध्यप्रदेश में लगातार होते जा रहे तबादलों से दुखी होकर लोकेश ने महाराष्ट्र में 3 तीन साल के लिए अपनी पदस्थापना करने का आवेदन भी दिया है। लोकेश ने यह भी लिखा है कि “सेवानिवृत्ति के बाद में अपने संस्मरणो की किताब लिखूंगा जिसमे सारे तथ्य सबके सामने रखूगा ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। फिलहाल सिविल सेवा आचरण नियमावली से मेरे हाथ बने हुए हैं।”