भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस (congress) और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) पर मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में काले धन लेनदेन के मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। वही आयकर विभाग (Income tax department) के छापों के कुछ ऐसे भी दस्तावेज बरामद हुए हैं जिसने बड़े चेहरे भी इस मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। इन दस्तावेजों में बेहद चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। जिसके बाद आयकर विभाग की सीबीडीटी (CBDT) की रिपोर्ट चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को भेज दी है। वहीं इन दस्तावेजों में मध्य प्रदेश के बड़े राजनीतिक नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं।
दरअसल चुनाव आयोग द्वारा राज्य सरकार को निर्देश देने के कमलनाथ के करीबी रहे तीन आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने और बी मधुकुमार के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan singh verma) सहित 50 से अधिक वर्तमान विधायकों नेताओं के नाम दस्तावेज में सामने आए हैं। इसके अलावा कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल सिंह, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रद्युमन सिंह तोमर जैसे नेताओं के नाम की भी चर्चा सुनाई दे रही है।
सूत्रों के मुताबिक नेताओं के साथ कांग्रेस से पैसे के लेनदेन मामले में टेक्सटाइल, सीमेंट, रोड कंस्ट्रक्शन जैसे विभागों का जिक्र भी किया गया है। वहीं राज्य सरकार जल्द ही जांच कि कमान ईओडब्ल्यू को सौंप सकती है। दस्तावेज में आयकर विभाग की टीम द्वारा जांच पड़ताल में मध्य प्रदेश से दिल्ली भी पैसे भेजे जाने की बात सामने आई है। इतना ही नहीं इसमें कई कारोबारियों के भी नाम शामिल है।
इधर आयकर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक दिग्विजय सिंह को लेकर भी खुलासे किए गए हैं। जहां कहा गया है कि चुनाव आयोग की खर्च सीमा की रकम से अधिक रकम दिग्विजय सिंह ने भोपाल के प्रत्याशी होते खर्च की है। वही करोड़ों की कलेक्शन का जिक्र भी दस्तावेजों में किया गया है।
इस मामले में दिग्विजय सिंह, सज्जन सिंह वर्मा के अलावा कंप्यूटर बाबा, अजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, प्रवीण पाठक, बाबू जांडेल संजय उइके, संजय यादव, शशांक भार्गव, आरिफ मसूद, गोविंद सिंह दांगी, बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युमन सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दंतिगांव, ऐंदल सिंह कंसाना, गिरराज दंडोतिया, रणवीर जाटव, नारायण सिंह पटेल, मनोज चौधरी, रामबाई, संजीव सिंह कुशवाहा सहित कुल 64 लोगों को लेन-देन का हिसाब देना होगा।