शाजापुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में घोटालों के बीच शिवराज सरकार (Shivraj government) द्वारा धरपकड़ भी जारी है। अलग-अलग मामलों में घोटालों (Scams) के बीच अब छात्रवृत्ति (Scholarship) में भी घोटाले की खबर सामने आ रही है। हालांकि मामला सामने आने पर डिपार्टमेंट ने घोटाले की रकम की रिकवरी (recovery) शुरू कर दी है।
दरअसल मामला मध्यप्रदेश के शाजापुर (shajapur) जिले का है। जहां 12वीं के परीक्षा पास कर चुके छात्रों को प्राचार्य ने छात्रवृत्ति बांटी थी। वही बच्चों के नाम से भुगतान की गई राशि भोपाल की अलग-अलग लोगों के खाते में जमा हो गई। हालांकि घोटाले की खबर सामने आने के बाद डिपार्टमेंट ने प्रिंसिपल से घोटाले की रकम की रिकवरी शुरू कर दी है।
इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार (Inder singh parmar) का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं इंदर सिंह परमार ने कहा के छात्रवृत्ति की रकम को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी प्राचार्य को निर्देश जारी किया है। जल्द ही इस मामले में और भी दोषी बाहर आएंगे।
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बता दे कि स्कूल शिक्षा विभाग में प्रदेश के ऐसे सभी प्राचार्य को स्कूल के बच्चे की लिस्ट जारी की है। जिनकी छात्रवृत्ति राशि अब तक उन्हें अदा नहीं की गई है। वहीं मामले में रिकवरी शुरू की जा चुकी है। मध्य प्रदेश के पूरे प्रदेश के 27 मामले सामने आए हैं। जहां करीबन डेढ़ लाख से अधिक छात्रवृत्ति की रकम दूसरे लोगों के खाते में जमा की गई है। चर्चा है कि यदि पूरे प्रदेश की जांच की जाए तो छात्रवृत्ति घोटाले की रकम 75 से 80 लाख रुपए तक पहुंच सकती है।
इस मामले में डीईओ शाजापुर का कहना है कि छात्रवृत्ति भुगतान में गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। जिस पर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। जहां छात्रवृत्ति राशि के गलत भुगतान की रिकवरी कराई जाएगी और कार्रवाई के बाद राज्य शासन को प्रतिवेदन भेजा जाएगा।