भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में नौवीं से 12वीं तक की स्कूल (MP School) संचालित करने के बाद अब राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी शासकीय शालाओं में शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए पहली से आठवीं तक की पढ़ाई एवम् परीक्षा संबंधित दिशा निर्देश जारी किया। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों का मूल्यांकन (Evaluation) वर्कशीट (Worksheet) से आधार पर किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को होममेड असाइनमेंट (Homemade assignment) दिए जाएंगे। जिसके आधार पर विद्यार्थियों के छमाही परीक्षा और वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन होगा। बच्चों की छमाही परीक्षा जनवरी में और वार्षिक परीक्षा फरवरी और मार्च में होगी।
दरअसल राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि पहली से आठवीं तक के बच्चों को होममेड असाइनमेंट दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें एक वर्कशीट दी जाएगी। जिसके आधार पर उनके अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। बच्चों को घर पर ही रह कर असाइनमेंट पूरा करना है और 10 से 15 दिन में स्कूल (school) में जमा करवाना है। वही अर्धवार्षिक मूल्यांकन 20 से 30 जनवरी के बीच और वार्षिक मूल्यांकन 15 से 28 फरवरी और 10 से 20 मार्च के बीच किया जाएगा। इसके साथ ही प्राप्त अंकों को आधार मानकर परीक्षा फल (Result) तैयार किया जाएगा।
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दिशा निर्देश के मुताबिक पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों का मूल्यांकन अभ्यास पुस्तक के आधार पर होगा। जबकि तीसरी से आठवीं तक के बच्चों का मूल्यांकन होममेड असाइनमेंट में दिए प्रश्नों के उत्तर और प्रोजेक्ट वर्क (Project Work) के आधार पर किया जाएगा। रोजमर्रा की जिंदगी पर आधारित प्रोजेक्ट बच्चों से बनवाए जाएंगे। वहीं प्रदेश के 61 लाख विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर 40% नंबर दिए जाएंगे जबकि 60% नंबर का मूल्यांकन वर्कशीट के आधार पर होगा।
राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त का कहना है कि जनवरी में बच्चों का 20 नंबर का प्रतिभा पर्व लिया जाएगा। वहीं फरवरी में वार्षिक मूल्यांकन 50 अंक का और मार्च में वार्षिक मूल्यांकन 50 अंक का होगा। इसके बाद तीनों मूल्यांकन को मिलाकर बच्चों का रिजल्ट तैयार किया जाएगा। वही ग्रेडिंग सिस्टम के साथ बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश भी दिया जाएगा।
मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शिवराज सरकार ने पहली से आठवीं तक के कक्षा को 31 दिसंबर तक बंद रखने का निर्णय लिया है। वहीं 9वी से बारहवीं तक के बच्चों के स्कूल संचालित किया जा रहा है। पहली से आठवीं तक के बच्चों को प्रमोट करने के लिए अब होममेड असाइनमेंट और प्रोजेक्ट कार्य के जरिए बच्चे को प्रमोट किया जाना है।