भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग (health Department) के पत्र के बाद अब शिक्षा विभाग (education Department) हरकत में आ गया। दरअसल सरकारी स्कूलों (MP School) के साथ ही अशासकीय अनुदान प्राप्त स्कूलों में कार्य करने वाले कर्मचारियों के टीकाकरण (vaccination) को लेकर विभाग सचेत हो गया है। दरअसल इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) द्वारा टीकाकरण का विवरण मांगा जा रहा है। वहीं टीका न लगाने वाले कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जा सकती है।
दरअसल शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों से जानकारी मांगी है कि कितने शिक्षक कर्मचारी कोरोना संक्रमण काल में स्कूल में उपस्थित हैं या कार्यरत हैं। इनमें से कितने कर्मचारियों द्वारा टीके लगाए जा चुके हैं। इतना ही नहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी मांगी है कि कितने कर्मचारियों ने पहली और दूसरी डोज (second dose) लगाई है। जिन कर्मचारियों ने कोरोना वैक्सीन डोज नहीं लगवाई है। उन कर्मचारियों के वेतन रोकने के निर्देश शिक्षा विभाग ने दिए हैं।
मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सभी स्कूल प्राचार्य, विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि शासकीय और अशासकीय स्कूल वैक्सीन की प्रक्रिया और जानकारी एकत्र की जाए। वहीं जिन अधिकारियों द्वारा अब तक के पूरे टीके नहीं लगवाए गए हैं। उनके वेतन रोकने की त्वरित कार्रवाई की जाए।
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बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी स्कूल कर्मचारियों से वैक्सीनेशन की जानकारी मांगी गई है। इस मामले में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र को आधार बनाया जाएगा। वहीं जिन कर्मचारियों ने अब तक वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की है। उनकी समस्या क्या है, उन्होंने किस कारण से वैक्सीनेशन पूरा नहीं किया है। इसकी जानकारी भी कर्मचारियों को जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में भी स्कूल खोलने को लेकर कोई बड़ा निर्णय नहीं हो पाया है। Corona की तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकार असमंजस की स्थिति में हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को लेकर सरकार किसी भी तरह के जोखिम नहीं लेना चाहती है। इसलिए ऑनलाइन माध्यम से छात्रों की कक्षा शुरू की जाएगी। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। वही प्रवेश प्रक्रिया के लिए बच्चों को स्कूलों में बुलाया जाएगा। ऐसी स्थिति में लगातार राज्य सरकार द्वारा स्कूल के कर्मचारी, अधिकारी सहित बच्चों के वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर जोर दिया जा रहा है।