भोपाल ।शरद व्यास ।
शिवराज सरकार (shivraj sarkar) ने कमल नाथ सरकार (kamalnath sarkar) के उस फैसले को बदलने का सैद्धांतिक फैसला कर लिया है.. जिसमें महापौर और अध्यक्षों (Mayor and Chairmen) का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था। इसलिए शिवराज सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon session of assembly) में संशोधन विधेयक लाने का फैसला किया है।.
गौरतलब है कि तत्कालीन कमल नाथ सरकार ने सितंबर 2019 में नगर पालिक विधि अधिनियम में संशोधन करके नगर निगम के महापौर और नगर पालिक व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था..इसके तहत चुने हुए पार्षद महापौर और अध्यक्ष का चुनाव करते। इसके लिए पहले अध्यादेश और फिर विधानसभा में दिसंबर 2019 में विधेयक के जरिए नए प्रावधानों को लागू किया गया, हालांकि, भाजपा ने इस बदलाव का काफी विरोध किया था।
पिछले सोमवार को प्रदेश मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस (State Chief Secretary Iqbal Singh Bains) ने वरिष्ठ सचिव समिति की बैठक में जुलाई में संशोधन विधेयक लाने की अनुमति नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दी है..इसके साथ ही चुनाव से छह माह पहले तक ही वार्डों का परिसीमन भी हो सकेगा।वही बदलाव के बाद चुनाव में दो बैलेट यूनिट चुनाव प्रक्रिया में अब फिर दो बैलेट यूनिट मतदान केंद्रों में लगेगी।एक बैलेट यूनिट में पार्षद और दूसरे में महापौर के लिए मतदान होगा। वही कंट्रोल यूनिट एक ही रहेगी। नगरीय निकाय व्यवस्था के वही बदले हुए स्वरूप को एक बार फिर से पुराने स्वरूप में लाने के लिए शिवराज तैयार है