भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में एक बार फिर से बारिश (rain) ने मौसम (weather) को सुहावना बना दिया है। शुक्रवार को राजधानी समेत कई इलाकों में बारिश से तापमान (temperature) में गिरावट दर्ज की गई। वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में ओलावृष्टि से किसानों (farmers) की फसलों (crop) को नुकसान पहुंचा है। मौसम वैज्ञानिकों ने शनिवार को भी प्रदेश के कुछ इलाकों में बूंदाबांदी के आसार जताए गए हैं। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में तेज हवा चलने के साथ ओले भी गिर सकते हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश में शुक्रवार को सागर में सबसे ज्यादा 44.2 मिलीमीटर जबकि राजधानी भोपाल (bhopal) में 14.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। वहीं प्रदेश के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी 2 डिग्री की गिरावट आई है। हालांकि शनिवार की सुबह राजधानी का मौसम साफ रहा। वही मौसम वैज्ञानिकों की माने तो राजधानी में शाम तेज हवा और गरज चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश के पश्चिमी विक्षोभ सिस्टम बनने से मौसम में बदलाव की स्थिति आई है। इसके साथ ही राजस्थान और मध्य प्रदेश के तटीय इलाके पर हवा का एक बड़ा चक्रवात निर्मित हुआ है। जिससे पूर्वी मध्य प्रदेश की तरफ सिस्टम शिफ्ट होने की वजह से पूर्वी मध्य प्रदेश में भी बारिश के आसार जताए गए हैं।
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इन जिलों में झमाझम के आसार
मौसम वैज्ञानिकों ने जिन जिलों में बारिश के आसार जताए हैं। उसमें रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल समेत आसपास के जिलों में झमाझम के आसार हैं। इसके बाद रविवार को एक बार फिर से मौसम साफ हो जाएगा। वहीं 16 और 17 मार्च को एक नए सिस्टम निर्मित होने के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है।
इन जिलों में हुई बारिश
पिछले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के सागर में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है इसके अलावा राजधानी भोपाल सहित दतिया उमरिया होशंगाबाद जबलपुर पचमढ़ी गुना शाहजहांपुर ग्वालियर नरसिंहपुर मंडला टीकमगढ़ राजगढ़ खजुराहो इंदौर खंडवा रायसेन दमोह और छिंदवाड़ा में भी बूंदाबादी रिकॉर्ड की गई है।
18 मार्च को आंधी पानी का एक और दौर शुरू होगा
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 13 मार्च से 16 मार्च के बीच पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में दाखिल होने वाले हैं। जिसके बाद 18 मार्च को आंधी पानी का एक और दौर शुरू होगा। वहीं महाराष्ट्र के उत्तरी तट पर भी हवा का चक्रवात निर्मित हुआ है। इन तीन सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से होते हुए मध्य प्रदेश में हवाओं का प्रवाह तेज हुआ है। प्रदेश के तापमान में कमी महसूस की जा रही है। वहीं राजधानी समेत प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे।
इसके साथ ही पूर्वी और पश्चिमी प्रदेश में गरज चमक के साथ बारिश होगी। कहीं कहीं ओलावृष्टि के भी आसार जताए गए हैं। बता दें कि ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा नुकसान फसलों को होगा। गेहूं की फसल पूरी तरह से पक चुकी है। कई खेतों में कटाई का काम भी जारी है। अब ऐसे में बरसात और ओले गिरने के कारण फसल को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इधर मौसम वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि रविवार शाम के बाद मौसम में धीरे धीरे बदलाव दिखेंगे और मौसम साफ होगा।