इंदौर।आकाश धोलपुरे
कोरोना काल और ऊपर से लॉक डाउन की मार ने खास वर्ग से लेकर आम लोगों तक की कमर तोड़कर रख दी है। ऐसे में स्पॉट फाइन रूपी व्यवस्था तो एक तरह से गरीबो व मजदूरों के लिये किसी बड़ी मुश्किल से कम नही है। दरअसल, जिला प्रशासन ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग सहित तमाम नियम बनाये है जिससे कोरोना का फैलाव न बढ़े। ऐसे में निगमकर्मचारी अपने अधिकारियों के साथ बैठकर शहर के कई क्षेत्रों में 10 हजार, 5 हजार, 1हजार, 500 और 100 रुपए के चालान वसूली में लग गए। इस बात का असर ये हुआ कि दिहाड़ी मजदूरी करने वालो और ठेला चलाने वालों से निगम जुर्माना वसूला रहा है जबकि लॉक डाउन में ऐसे हजारो निर्धन लोग है जो 2 वक्त को रोटी के लिये तरस रहे थे और अब जब वे काम पर लौटे तो उन्हें निगम के भारी भरकम चालानों का सामना करना पड़ रहा है।
इधर, इस मामले पर कांग्रेस ने साफ कहा कि निगम की पीली गैंग गब्बर सिंह टैक्स वसूल रही है। कांग्रेस पदाधिकारी महेश शर्मा ने आरोप लगाया कि निगम की पीली गैंग गाड़ियों में घूमकर सरेआम लोगो को लूट रही है। पूर्व महापौर और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे भी निगम के रवैये से खासे नाराज है उन्होंने कहा कि निगम मनमाने तरीके से 100 रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक के चालान वसूल रहा है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि पहले जनजागरूकता अभियान चलाया जाए उसके बाद अंतिम उपाय के रूप में चालान बनाया जाए। वही निगम के पूर्व पार्षद व एमआईसी सदस्य दिलीप शर्मा ने भी चलानी कार्रवाई पर सवाल उठाये और माना कि छोटे वर्ग के लोग कर्ज लेकर फल एवं सब्जी का काम कर रहे है ऐसे में वो जुर्माना कहा से भरे।
विरोध की बयार सामने आने के बाद आखिरकार निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने नए आदेश के तहत ठेला व्यापारी और रेहड़ी व्यापारियों पर स्पॉट फाइन की कार्रवाई न करने की बात की है ऐसे लोगो को सिर्फ समझाइश दी जाएगी। वही सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ने वालों पर भी अब 1000 रुपए से ज्यादा का स्पॉट फाइन नही लगाया जाएगा साथ ही स्पॉट फाइन के दौरान ही निगम मास्क भी उपलब्ध कराएगा।फिलहाल, स्पॉट को लेकर चर्चाओं में आया निगम अपने कर्मचारियों के रवैये को लेकर बीते लंबे समय से सवालो के घेरे में है फिलहाल, स्पॉट फाइन पर निगमायुक्त ने फैसला लेकर बहुत हद तक निगमकर्मचारियों और मातहत अधिकारियों पर नकेल कसी है।