भोपाल।
इन दिनों किसानों को लेकर चिंतित पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखा था,जिसमे उन्होंने किसान हित में मध्यप्रदेश में किसानो से चना , मसूर व सरसों को समर्थन मूल्य पर ख़रीदने की स्वीकृति देने की माँग की थी।जिसका तोमर ने जवाब दिया है। तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदी की स्वीकृति पहले ही दे चुकी है। केंद्र सरकार ने वर्तमान में कठिन परिस्थिति देखते हुए स्वत: ही खरीदी शुरू करने की मंजूरी दे दी है।
दरअसल, सत्ता से हटने के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को किसानों की चिंता सता रही है ।एक के बाद एक मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखने के बाद उन्होंने मंगलवार को कमलनाथ ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखा था।जिसमे उन्होंने किसान हित में मध्यप्रदेश में किसानो से चना , मसूर व सरसों को समर्थन मूल्य पर ख़रीदने की स्वीकृति देने की माँग की थी।कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में किसानों के साथ पक्षपात करने के आरोप लगाते हुए समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं करने का आरोप राज्य और केंद्र सरकार पर लगाया था। कमलनाथ ने कृषि मंत्री तोमर को पत्र लिखा था,जिसका जवाब केंद्रीय मंत्री तोमर ने दिया है।
क्या लिखा था कमलनाथ ने पत्र में,
कमलनाथ ने पत्र में लिखा था कि वर्तमान में सबसे ज्यादा तनाव में हमारे प्रदेश के किसान भाई हैं। जिनकी रवि की फसल कटकर तैयार है पर मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी, जो 25 मार्च से शुरू करनी थी। अब तक प्रारंभ नहीं किया और ना ही प्रदेश सरकार के भविष्य की कोई तैयारी दिखाई दे रही है। अब किसान प्रतीक्षा नहीं कर सकता उसके पास भंडारण की कोई व्यवस्था भी नहीं है। वो जैसे तैसे अपनी फसल काटकर अपने घरों के आसपास खुले में रख रहा है। आप को पत्र लिखने का विशेष उद्देश्य यह है कि आपका 5 अप्रैल 2020 का ट्वीट देखकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिसमें आपने कुछ राज्यों में समर्थन मूल्य पर चना और मसूर खरीदने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान करने का उल्लेख किया है पर उन राज्यों में मध्यप्रदेश का उल्लेख नहीं है। मध्यप्रदेश के लगभग 4.64 लाख किसानों ने चना, 1.14 लाख किसानों ने मसूर और 1.05 लाख किसानों ने सरसो को समर्थन मूल्य पर विक्रय करने के लिए पंजीकरण कराया है। मध्य प्रदेश के इस निर्णय में समाहित ना करने से प्रदेश के चना, मसूर और सरसों उत्पादन करने वाले किसान बहुत तनाव में है।
वहीं उन्होंने लिखा था कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने में कोई तत्परता नहीं दिखा रहे हैं और केंद्र सरकार के निर्णय से प्रदेश के किसानों को हो रहे नुकसान पर मौन रखे हुए हैं। मध्य प्रदेश सरकार किसान भाइयों को केंद्र सरकार से लाभ दिलाने हेतु कोई भी सार्थक पहल करती नहीं दिख रही है।कमलनाथ ने मांग की थी मध्य प्रदेश के किसानों से भी चना मसूर और सरसों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की स्वीकृति जारी करने का कष्ट करें ताकि प्रदेश के किसान भाई भी तनाव मुक्त होकर जीवन यापन कर सकें।