नरोत्तम का ममता पर हमला- हवाई चप्पल, सादा साड़ी पहनकर चल रहा ढोंग हुआ बेनकाब  

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री एवं पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की कमान संभाल रहे डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला है। कोयला घोटाले में घिरे ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) परिवार के  सदस्यों पर CBI के नोटिस पर TMC द्वारा केंद्र की भाजपा सरकार पर डराने के आरोप लगाए जाने पर नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि डराएगी तो जनता अब उन्हें, क्योंकि हवाई चप्पल और सादा साड़ी पहनकर, सादा जीवन उच्च विचार का ढोंग धीरे-धीरे बेनकाब होता जा रहा है।

सादा जीवन उच्च विचार का ढोंग अब बेनकाब हो रहा है

पश्चिम बंगाल की आधा सैकड़ा विधानसभाओं के चुनाव प्रभारी डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने कहा कि मोदी सरकार पर डराने के आरोप लगाने वाली तृणमूल कांग्रेस और उनकी मुखिया को अब जनता डराएगी। ममता बनर्जी  पर पलटवार करते हुए डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra)  ने कहा कि जिस तरह से कोयले की दलाली में हाथ काले किये हैं अब वो सारी चीजें बेनकाब हो रही हैं। हवाई चप्पल और सादा साड़ी पहनकर, सादा जीवन उच्च विचार का ढोंग जो वो करती थी अब प्याज की परतों की तरह एक एक परत खुलकर बाहर आ रही है।

जनता तय करती है लोकतंत्र में, कि कौन चूहा है और कौन शेर

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के एक और बयान “बंदूक से लड़ने वाले चूहों से नहीं डरते” के जवाब में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने कहा कि जनता तय करती है लोकतंत्र में, कि कौन चूहा है और कौन शेर। अगर पाक साफ़ हैं उनके लोग, आकर अपनी बात कहें, डरने की क्या बात है। चोर की दाढ़ी में तिनका वाली स्थिति है, भागना क्यों चाहिए?

हम तो कांग्रेस की परंपरा का निर्वहन करेंगे

मध्यप्रदेश कांग्रेस के बयानों  का जवाब देते हुए डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने कहा कि किंकर्तव्यविमूढ़ पार्टी है कांग्रेस। मतैक्य  नहीं है कांग्रेस पार्टी के नेताओं में, कि विधानसभा उन्हें किस पर सवार होकर जाना है। डॉ मिश्रा ने कहा कि विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद सत्तारूढ़ पार्टी के पास रखने की परंपरा कांग्रेस ने डाली है। हम उस परंपरा का निर्वहन करेंगे।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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