जबलपुर, संदीप कुमार। किसानों द्वारा दिल्ली में किए गए आंदोलन पर सियासी बवाल मच गया है। किसानों के आंदोलन और फिर उसके बाद उपजे हालातों को लेकर अब राजनीतिक बयानबाज़ियाँ शुरू हो गई है मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आड़ में हुए पूरे घटनाक्रम को तांडव करार दिया है, उनका अंदेशा साफ तौर पर जाहिर करता है कि देश और सरकार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही हैं।
जबलपुर प्रवास पर पहुंचे प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने किसान आंदोलन की आड़ में हुए पूरे घटनाक्रम को तांडव करार दिया है, उन्होंने कहा है कि किसान कृषि संशोधन कानूनों की आड़ लेकर किसानों ने दिल्ली में अराजकता फैलाने का काम किया है, उनकी मानें तो गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में जो कुछ भी हुआ वह किसी रिहर्सल से कम नहीं है उनका अंदेशा साफ तौर पर जाहिर करता है कि देश और सरकार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है लेकिन कोई ये बताने राजी नहीं है कि काले कानून में काला क्या है, गृह मंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि दूसरे के बच्चे को झूला झूला रही है कांग्रेस, क्योंकि आज विपक्ष मुद्दाविहीन है, कांग्रेस आंदोलन कर नही सकती है तो दूसरे के आंदोलन में हिस्सा लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आग में घी डालने का काम कर रहा है,उससे कोई भला नहीं होने वाला है विपक्ष का।
गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने कांग्रेस नेताओं के दौरों पर भी चुटकी ली, उनका कहना है कि कांग्रेस धरातल पर मजबूत नहीं है और नेताओं के ऊपरी दौरों से कोई फायदा पार्टी को होने वाला नहीं है, डॉ नरोत्तम मिश्रा ने एक बार फिर दोहराया है कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की सरकार है जहां कानून का राज हर हाल में कायम रहेगा। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में जारी माफियाओं के खिलाफ मुहिम आगे भी चलती रहेगी और रेत माफिया, भूमाफिया, शराब माफिया, ड्रग माफिया और चिटफंड कंपनियों की आड़ में जनता को लूटने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं विधानसभा में कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद देने के सवाल पर गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष की परंपरा कांग्रेस ने तोड़ी है इसलिए मेरे दृष्टिकोण से विधानसभा में कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद देने का औचित्य नहीं है।