PMAY के तहत नए 3 करोड़ घरों को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, LPG, शौंचालय और बिजली के इंतजाम की भी बात

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत और 3 करोड़ आवास का जिक्र भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में भी किया था।

Modi Cabinet First Meeting : प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हो रही पहले कैबिनेट मीटिंग में देशवासियों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। फैसले के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में और 3 करोड नए मकान बनाए जाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है।इतना ही नहीं इस बार इस योजना के अंतर्गत पीएम आवास हितग्राहियों को एलजी बिजली और शौचालय की सुविधा देने की भी बात की जा रही है।

आपको बता दें इस बात की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार अपने भाषणों में की थी कि यदि उनकी सरकार आती है तो वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत और 3 करोड़ आवास लाभार्थियों को देंगे। इस वादे का जिक्र भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में भी किया था।

आपको बता दें अब तक पीएम आवास आवास में जो घर लाभार्थी को दिया जाता है वह महिला के नाम से दिया जाता है। यही योजना महिला सशक्तिकरण के लिए एक मील का पत्थर जैसी है। साथ ही इस योजना में ट्रांसजेंडर, सिंगल वूमेन, एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, कमजोर सामाजिक वर्ग को प्राथमिकता दी जाती है।

क्या है पीएम आवास योजना

प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य था कि जिन लोगों के पास पक्के मकान या प्लॉट नहीं है उन्हें सरकार वित्तीय सहायता देकर पक्के घर बनाने में मदद करेगी। इस योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी या तो ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के रहते हैं या LIG या MIG 1 या MIG 2 रहते हैं। इस योजना के अंतर्गत आवेदक की अधिकतम आयु 70 वर्ष रखी गई है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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