हरदा।भवानीशंकर पाराशर।
इन दिनों पुरुषों की नसबंदी मध्यप्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। बीते दिनों इसको लेकर कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को लेकर एक फरमान जारी किया था जिसको लेकर खूब बवाल मचा था।इसके बाद सरकार ने यू-टर्न लेते हुए आदेश वापस ले लिया था और मिशन की संचालक छवि भारद्वाज का तबादला कर दिया था। अभी ये मामला थमा ही था कि अब हरदा जिले के शिक्षा विभाग ने फिर एक फरमान जारी किया है ,जिसमें लिखा है जिन शिक्षकों ने परिवार नियोजन कराया है सिर्फ उन्हें ही वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा । इस आदेश में मई 2019 में लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल से जारी आदेश का हवाला भी दिया गया।इस आदेश के जारी होते ही शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, जिले में शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश जिन शिक्षकों ने परिवार नियोजन कराया है सिर्फ उन्हें ही वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा । शिक्षकों को स्थाई परिवार नियोजन करवा कर उसका प्रमाण पत्र विभाग को देना होगा तभी उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा अन्यथा उनकी वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी। शिक्षा विभाग के इस आदेश से शिक्षकों में भी हड़कंप है क्योंकि ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने अब तक परिवार नियोजन नहीं करवाया इस आदेश के चलते उन्हें वेतन रद्दी के लाभ से वंचित होना पड़ेगा कर्मचारी नेता भी इस आदेश को सही नहीं बता रहे हैं उनके मुताबिक विभाग अपने ही आदेश को बार-बार बदलता रहता है पहले ही एक बच्चे पर 3 वेतन प्रति मिलती थी जिसे घटाकर 2 कर दिया अभी आदेश सिर शिक्षकों के ऊपर कुठाराघात है।
हरदा जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 16 जून 2006 के पहले परिवार नियोजन ऑपरेशन (नसबंदी) कराने वाले और इसके बाद नसंबदी कराने वाले अध्यापकों को अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।इस आदेश में मई 2019 में लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल से जारी आदेश का हवाला भी दिया गया। शुक्रवार को डीईओ ने डीपीसी जिला शिक्षा केंद्र, प्राचार्य डाइट बागरुल, बीईओ हरदा, खिरकिया, टिमरनी सभी संकुल प्राचार्य हाई और हायर सेकंडरी स्कूल और तीनों विकासखंड के बीआरसी के नाम पत्र जारी किया।डीईओ ने खंड शिक्षा अधिकारियों को अध्यापकों के संबंध में जानकारी जुटाकर उन्हें अग्रिम वेतनवृद्धि का लाभ देने के लिए कहा है।
ग्रीनकार्ड वेतन वृद्धि क्या है
शासकीय कर्मचारियों को इसका लाभ 2 वेतन वृद्धि के रूप में मिलता है। इसे अग्रिम वेतन वृद्धि भी कह सकते हैं। कहा गया है कि शासकीय कर्मचारयों को इसका लाभ पूरी सेवाकाल के लिए मिलता है। इससे हर साल डीए में भी बढ़ोत्तरी होती है।
नसबंदी आदेश पर पहले भी मच चुका है बवाल
गौरतलब है कि बीते दिनों मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने पुरुष नसबंदी को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पुरुष नसबंदी कराने का टारगेट पूरा नहीं करने वाले हेल्थ वर्कर्स के वेतन में ‘नो वर्क नो पे’ के आधार पर कटौती और अनिवार्य सेवानिवृत्ति की बात कही गई थी।इसको लेकर खूब बवाल मचा था, सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।लोकल से लेकर नेशलल मीडिया तक मुद्दा गर्माया था। विपक्ष ने तो इसे आपातकाल पार्ट टू करार तक दे दिया था। इसके बाद कमलनाथ सरकार ने इस आदेश को वापस ले लिया था। इतना ही नही इसके बाद भिंड में भी एक आदेश आया था जिसमें निलंबित शिक्षकों को अलग बैठाने की बात कही गई थी।इस पर जब बवाल मचा तो आदेश को वापस ले लिया गया। अब हरदा में जारी हुई इस नए आदेश को लेकर हड़कंप मच गया है।