बालाघाट।सुनील कोरे
भाजपा शासनकाल मंे बालाघाट जिले के प्रशासनिक अधिकारियों, का रौब इतना बढ़ गया है कि अब प्रशासनिक अधिकारी किसी को भी सरेराह रास्ते में धमकाने और चमकाने लगे है। ताजा मामला मलाजखंड का है, जहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों के साथ प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम गुरूप्रसाद नेे अभद्रता की सीमा लांघते हुए न केवल उन्हें थाने ले जाने की धमकी दी अपितु जूते भी मारने की बात कही।
श्रमजीवी पत्रकार संघ जिलाध्यक्ष ने कोरोना पॉजिटिव पाये गये व्यक्ति के क्षेत्र को सील करने की कार्यवाही का कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों के साथ प्रशासनिक अधिकारी के व्यवहार को अभद्र और अमर्यादित बताते हुए इसकी कड़े शब्दो में निंदा की है। मामले को लेकर दी गई प्रतिक्रिया में श्रमजीवी पत्रकार संघ जिलाध्यक्ष इंद्रजीत भोज ने कहा कि एसडीएम द्वारा जो पत्रकारों के साथ अभद्र और अमर्यादित भाषा का उपयोग किया गया है, उसके लिए एसडीएम पत्रकारों से माफी मांगे, अन्यथा पत्रकार तीव्र आंदोलन करेंगे। पत्रकार हमेशा शासकीय समाचारों को प्रमुखता से प्रकाशित करते है, शासन, प्रशासन की योजनाओं को जनता तक लाने में पत्रकार ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और जब आज कोरोना संक्रमण को लेकर पत्रकार, प्रशासन के साथ इसे रोकने मंे जुटा है, तब पत्रकारों के साथ एसडीएम अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे है जो घोर निंदनीय है, इसकी कड़ी निंदा की जाती है और यदि माफी नहीं मांगते है तो आंदोलन छेड़ा जायेगा।
शासन, प्रशासन की खबरों के साथ जीवंत मुद्दो और समस्या को उठाने वाले पत्रकारों के साथ यदि प्रशासनिक अधिकारी इस तरह का आपत्तिजनक व्यवहार कर रहे है तो समझा जा सकता है कि आम लोगों के साथ उनका व्यवहार कितना कटु होगा। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते है कि प्रदेश की जनता से प्रशासनिक अधिकारी विनम्रतापूर्वक और सम्मान से साथ बात करें, लेकिन इसके विपरित बालाघाट जिले मंे प्रशासनिक अधिकारी, अपनी सीमाओं को लांघकर अर्मादित आचरण कर प्रशासनिक सेवा पर दाग लगाने का काम कर रहे है, इससे पूर्व बालाघाट जिले मंे कभी इस तरह की कोई गुस्ताखी किसी प्रशासनिक अधिकारी ने की हो, ऐसा कभी देखने में नहीं आया है लेकिन हालिया दिनो में जिस तरह से प्रशासनिक अधिकारी, जिले के पत्रकारों को लेकर जो नाराजगी दिखा रहे है, उससे पत्रकार जगत हतप्रभ और स्तब्ध है।
मलाजखंड कॉपर लिमिटेड के सिक्युरिटी गार्ड कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद आज प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम गुरूप्रसाद, तहसीलदार के साथ एचसीएल के अधिकारी, नगरपालिका परिषद मलाजखंड के अधिकारी और कर्मचारी, पॉजिटिव मरीज के टाउनशीप कॉलोनी के अंदर रहवासी स्थल को सील करने पहुंचे थे।
जिसकी खबर लेने प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के क्षेत्रीय पत्रकार साथी श्रमजीवी पत्रकार संघ तहसील अध्यक्ष संतोष बिसेन, मधु शेंद्रे, निकेत झा, संतोष धानेश्वर और जानकारी लेने सामाजिक कार्यकर्ता द्रोपकिशोर मेरावी एवं पूर्व एचसीएल कर्मी एवं यूनियन से जुडे़ सीएनझा पहुंचे थे। जहां कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों के साथ पहले, खबर कवरेज को लेकर रोकने का प्रयास किया गया, जिस पर पत्रकारों ने कहा कि यह उनका काम है और उन्हें करने दे, जिस पर एचसीएल अधिकारी अभद्रता पर उतारू हो गये और पत्रकारों को कवरेज करने से रोकने लगे। जिसको लेकर पत्रकारों ने अपनी बात रखने का प्रयास किया लेकिन एचसीएल अधिकारी आग बबूला होकर पत्रकारों पर ही लाल-पीले होने लगे। इस दौरान ही वहां खड़े एसडीएम गुरूप्रसाद, एचसीएल अधिकारी की अभद्र व्यवहार से एक कदम आगे कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों को ही आवेश दिखाने लगे और आवेश में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ‘‘ चलना है कि थाने, मेरे रहते हुए तुम झगड़ा कर रहे हो, उंची आवाज में बोलने का अधिकार केवल एसडीएम को है साला जूता निकालकर मारंेगे तुम लोगों को’’ एक प्रशासनिक अधिकारी के पत्रकारों को कहे गये इस बोलवचन के बाद क्षेत्रीय पत्रकारों ने गहरी नाराजगी जाहिर की है और प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम से अपने इस व्यवहार को लेकर पत्रकारों से माफी मांगने की मांग की है। इस घटना की जानकारी पत्रकारो ने जिला संगठन श्रमजीवी पत्रकार संघ जिलाध्यक्ष इंद्रजीत भोज को भी दे दी है।
मलाजखंड के श्रमजीवी पत्रकार संघ तहसील अध्यक्ष संतोष बिसेन ने कहा कि क्षेत्र में पत्रकार निष्पक्षता के साथ समाचार पत्रों का प्रकाशन कर रहे है, अंचल की शासन और प्रशासनिक जानकारी को पत्रों के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे है, उसके बाद पत्रकारों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों का ऐसा व्यवहार, अमर्यादित और पत्रकारों के सम्मान के खिलाफ है। जिसकी वह कड़ी भर्त्सना करते है। संघ ने यह निर्णय लिया है कि जब कि पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करने वाले एचसीएल के अधिकारी और एसडीएम माफी नहीं मांगेगे, तब तक क्षेत्रीय पत्रकार साथी शासन और प्रशासन के किसी भी समाचार का प्रकाशन नहीं करेंगे और जरूरत पड़ी तो अपने अपने सम्मान के लिए सड़क पर निकलकर आंदोलन भी करंेगे।
एचसीएल के सिक्युरिटी गार्ड के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद पूर्व कर्मचारी और यूनियन से जुड़े सी.एन. झा और सामाजिक कार्यकर्ता द्रोपकिशोर मेरावी भी इस दौरान वहां मौजूद थे। जिन्होंने भी पत्रकारों के साथ एचसीएल अधिकारी और एसडीएम द्वारा किये गये अभद्र व्यवहार पर चिंता जाहिर की है, उन्होंने कहा कि वह एचसीएल अधिकारी और एसडीएम से चर्चा करने पहुंचे थे, लेकिन उनके द्वारा पत्रकारों के साथ किये गये दुर्व्यवहार को लेकर वह भी सकते में आ गये। लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ पत्रकारों के साथ जो व्यवहार किया गया है वह काफी अभद्रतापूर्वक था। एसडीएम जैसे अधिकारी का ऐसा बोलना शोभा नहीं देता है। सामाजिक कार्यकर्ता द्रोपकिशोर मेरावी ने भी पत्रकारों के साथ एचसीएल और एसडीएम द्वारा किये गये अभद्र व्यवहार की तीखी आलोचना की है, उन्होंने अधिकारियो के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि संविधान और किस कानून में प्रशासनिक अधिकारियों को यह अधिकार मिला है कि वह आम लोगो और पत्रकारों के साथ इस तरह जूते मारने की बात करें।
इस मामले में बैहर एसडीएम गुरूप्रसाद से उनके मोबाईल नंबर 9958781387 पर संपर्क कर उनकी प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया गया, लेकिन मोबाईल पर रिंग जाने के बावजूद उन्हें फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। जिससे मामले के बाद अब उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है।