डबरा/सलिल श्रीवास्तव।
रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के तमाम दावे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी क्यों ना कर ले पर रेत माफिया और पुलिस का गठजोड़ किसी न किसी रूप में उजागर हो ही जाता है ग्वालियर जॉन के आईजी राजा बाबू सिंह इस नेक्सस को तोड़ने का भले ही कितना भी प्रयास क्यू ना कर ले पर अधिकारी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे ताजा मामला देहात के गिजौरा थाने का है खाने का है।
जहां जप्त जेसीबी मशीन को थाना प्रभारी रतों रात चल बातें हैं पर उनकी किस्मत खराब होती है कि मशीन खराब हो जाती है और डबरा पहुंच जाती है। जब मशीन सही हो रही होती है तो मशीन मालिक वहां पहुंच जाता है और विवाद हो जाता है। मशीन डबरा सिटी थाना में पहुंच जाती है। तभी से पुलिस अधिकारी इस मामले को दबाने कहें या सुलटाने में लगे हुए हैं । कोई भी जिम्मेदार अधिकारी चाहे वह सिटी थाना प्रभारी यशवंत गोयल हो या एसडीओपी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं जबकि मशीन मालिक के आवेदन पर ही सिटी पुलिस कार्रवाई के लिए पहुंची थी और मशीन को विवाद के चलते थाने में लाकर रखवाया था।
आपको बता दें कि देहात के गिजौरा थाने में 23/9/2019 को एक जेसीबी रेत के रेत के अवैध उत्खनन के चलते जप्त की गई थी यह पूरी कार्रवाई नायब तहसीलदार ने की और मशीन थाने की सुपुर्दगी में दे दी गई तभी से मशीन थाने के बाहर रखी रही और रात्रि में इसका उपयोग रेत के अवैध उत्खनन में जारी रहा यहाँ प्रश्न यह उठता है कि कैसे थाना प्रभारी ने जप्त मशीन को अपने थाने से बाहर जाने दिया वह भी रेत के अवैध कारोबार के लिए और तो और वह मशीन 30 किलोमीटर दूर डबरा सिटी थाने में भी रख गई।
ऐसा नहीं है इस मामले से वरिष्ठ अधिकारी अनभिज्ञ है पर सभी मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं कुछ दिन पिछोर थाना प्रभारी का भी रेत माफ़ियाओं के साथ बातचीत का ओडीयो बायरल हुआ था और पुलिस ने अपनी शाख़ बचाने के चलते तत्काल थाना प्रभारी सुरेंद्र कुशवाह को लाईन भेज दिया था अब फिर नया मामला उजागर हो गया और अधिकारी जाँच की बात कर रहे हैं। जब इस संबंध में एडीजी राजा बाबू सिंह से बात की तो उनका कहना था कि मामला संज्ञान में है और जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जाएगी।