भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) की 28 पर उपचुनाव (Byelection) के परिणाम मंगलवार आ जाएंगे| नतीजों से पहले प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गई हैं| प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुए 28 सीटों के उपचुनाव के परिणाम सत्ता का भविष्य (Future Of Government) तय करेंगे। वहीं उन नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी नतीजों पर टिका हुआ है, जिनके दल बदलने के कारण 25 सीटों पर उपचुनाव हुए|
सबसे ज्यादा चिंतित वे नेता हैं, जिन्होंने अपनी विधायकी छोड़कर चुनाव लड़ा| अब उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा में आए 25 विधायकों में से 12 इस समय सरकार में मंत्री हैं, दो पूर्व मंत्री भी मैदान में हैं।
अधिकांश भाजपा उम्मीदवारों (BJP Candidate) के लिए यह लिटमस टेस्ट है, क्योंकि उनका राजनीतिक सम्मान सीट जीतने पर टिका हुआ है। इसके साथ ही उपचुनाव के परिणाम से ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का राजनीतिक भविष्य भी तय होगा| बीजेपी (BJP) में उनका कद बढ़ेगा या घटेगा इसका फैसला चुनाव परिणाम बताएगा| इसके साथ ही दल बदलने का फैसला जनता ने किस रूप में देखा इसका खुलासा भी हो जाएगा| अब तक चुनाव के दौरा कांग्रेस बागी नेताओं को गद्दार बता कर जनता से इनका हिसाब करने की अपील करती रही| वहीं कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये नेता विकास के लिए भाजपा में आने का निर्णय बताते रहे हैं| उन्हें उम्मीद है कि ‘विकास’ के लिए बीजेपी में शामिल होने का उनका कदम मतदाताओं के पक्ष में है।
इन प्रत्याशियों की मुश्किलें अधिक
ज्योतिरादित्य सिंधिया के ख़ास माने जले मंत्री और पूर्व मंत्रियों के चुनाव परिणाम पर सबकी नजर रहेगी| जो सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। मुख्य रूप से तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, डाॅ. प्रभुराम चौधरी और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव का राजनीतिक करियर दांव पर है। अगर ये लोग चुनाव हारते हैं, तो भविष्य में इन्हें भाजपा से टिकट मिलना मुश्किल हो जाएगा। आगे की राह इनके लिए मुश्किल हो जायेगी|
ऐसा है संख्या गणित
भाजपा के पास वर्तमान में 107 विधायक हैं और सदन में साधारण बहुमत प्राप्त करने के लिए आठ और सीटें जीतने की आवश्यकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए 28 विधायकों की जरूरत है। इस साल मार्च के बाद से 26 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस का आंकड़ा 87 हो गया है। अन्य की बात करें तो दो बीएसपी, एक एसपी और चार स्वतंत्र विधायक हैं। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक सहित सात विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी इन विधायकों से संपर्क बनाने की कोशिश में है| उन्हें विधायक दल की बैठक का न्योता भी दिया गया है|
-विधानसभा -230 सदस्य
-विधानसभा की मौजूदा संख्या: 201 विधायक
-कांग्रेस -87
-भाजपा -107
-स्वतंत्र -4
-बसपा-2
-सपा-1
दमोह से कांग्रेस के एक विधायक राहुल लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे।