भोपाल। मध्यप्रदेश में जो सियासी तूफान उठा है, उसमें बड़ा रोल चंबल संभाग का है। असंतुष्ट विधायकों में बसपा के संजीव कुशवाहा भिंड से हैं, रणवीर जाटव गोहद भिंड से हैं, कमलेश जाटव अंबाह मुरैना से हैं, दिग्विजय सिह समर्थक एंदल सिंह कंसाना मुरैना के सुमावली से हैं और रघुराज कंसाना मुरैना से हैं।
इन विधायकों के नाम आ रहे है सामने
इन में से जिन विधायकों के नाम बताए जा रहे हैं उनमें से तीन दिग्विजय के गढ़ से दो विधायक बसपा और एक विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं। वही खबरों के मुताबिक कमलनाथ सरकार की कुल 14 विधायक अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। जिन विधायकों के नाम आए हैं उनमें रामबाई का संबंध मुख्यमंत्री कमलनाथ से है लेकिन एक साल से मंत्री नहीं बनाए जाने पर रामबाई कमलनाथ से नाराज चल रही हैं, वही बिसाहू लाल सिंह 1980 में पहली बार विधायक चुनकर आए और पांच बार कांग्रेस की विधायक दिग्विजय सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री ऊर्जा मंत्री और आदिवासी विकास मंत्री रहे, लेकिन मंत्री नहीं बनाए जाने से कमलनाथ से नाराज चल रहे हैं। तीसरा नाम सुरेंद्र सिंह शेरा का जो निर्दलीय विधायक हैं कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वह भी कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। संजीव कुशवाहा भिंड से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ते थे, मंत्री बनना चाहते थे वो भी कमलनाथ से नाराज चल रहे हैं। वहीं ऐंदल सिंह कंसाना दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी रहे हैं व पावरफुल मंत्रियों में शुमार थे, ये भी कई बार मौकों पर मंत्री नहीं बनाए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस मामले में हरदीप सिंह का भी नाम शामिल आया है जो ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय दोनों की करीब हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें मंत्री बनाए जाने का वादा किया गया था लेकिन मंत्री नहीं बनाए जाने पर वह कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं।