भोपाल।
कांग्रेस-भाजपा के बीच विधायकों को लेकर चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच अब ये कयास लगना शुरु हो गए है कि क्या मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक जैसा हाल होगा। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय और कमलनाथ के मंत्री-विधायक लगातार मोर्चा संभाल कर बैठे है और खुद मुख्यमंत्री का कहना है कि बीजेपी की अस्थिर करने की चाल विफल रही और पार्टी में सबकुछ ठीक है। वही दोनों दलों द्वारा कई विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया जा रहा है। इसी बीच कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का बड़ा बयान देकर ना सिर्फ सियासी गलियारों में बल्कि कांग्रेस में ही बवाल मचा दिया है। प्रदीप ने इशारों ही इशारों में सरकार गिरने और बीजेपी का साथ देने की बात कही है।मंत्री के बयान से कई सियासी मायने निकाले जा रहे है, इसे भविष्य में होने वाले घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।
आज मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदीप ने कहा कि यदि कमलनाथ की सरकार गिरती है और भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में आती है, तो वह जिले व क्षेत्र के विकास के लिए अपनी जनता व समर्थकों की सलाह पर भाजपा सरकार को बाहर से समर्थन दे सकते हैं। जिले व क्षेत्र के विकास के लिए हमारा विकल्प हमेशा खुला रहेगा।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की आदत में शुमार है कि वह हार्स ट्रेडिंग के माध्यम से विधायकों की खरीद फरोख्त करती है जहां बहुमत नहीं होता। इसके पूर्व भी भाजपा ने कर्नाटक,असम, महाराष्ट्र,गोवा, हरियाणा आदि प्रदेशों में जोड़-तोड़ के माध्यम से सरकारें बनाई है। वहीं महाराष्ट्र में तो उसे मुंह की भी खानी पड़ी।
वही उन्होंने खुलासा किया कि प्रदेश में चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए उन्हें भी भाजपा के बड़े नेताओं के फोन आए थे। उनके द्वारा बड़े-बड़े प्रलोभन दिए गए थे, किंतु उन्होंने क्षेत्र व जिले के विकास को दृष्टिगत रखते हुए कमलनाथ को समर्थन देकर सरकार बनाने में सहयोग किया था। प्रदीप जायसवाल का बयान ऐसे समय मे आया है जब सियासी गलियारों में भाजपा द्वारा सरकार गिराने की चर्चा जोरों पर है, सारे घटनाक्रम के बीच मंत्री ने बगावती तेवर दिखाकर सरकार के माथे पर चिंता की लकीरे खींच दी है। अब कमलनाथ और कांग्रेस इस बयान को कैसे लेती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा,
बता दे कि प्रदीप जायसवाल ने पिछले विधानसभा चुनाव में बालाघाट जिले के वारासिवनी से निर्दलीय चुनाव जीता था