इंदौर। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू (Premchand Guddu) को भाजपा (BJP) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Ccindia) के खिलाफ गुड्डू ने मोर्चा खोल रखा था। प्रेमचंद्र गुड्डू ने विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस (Congress) छोड़कर भाजपा में आए थे। गुड्डू ने बीजेपी को करण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया था। जिसको अनुशासनहीनता मानते हुए आज उन्हें पत्र लिखकर बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया।
दरअसल पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू द्वारा लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट(Tulsi Silawat) पर की जा रही टिप्पणियों के बाद पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। हालाँकि गुड्डू ने कहा था कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने से पहले ही मैं इस्तीफा दे चुका हूं। मुझे इस बात का एहसास था कि मैंने भाजपा की सदस्यता लेकर गलती कर दी। जब मैं पहले से ही इस्तीफा दे चुका हूं तो ऐसी स्थिति में मुझे किस अधिकार से नोटिस भेजा।
कांग्रेस में जाने की अटकलें
प्रेमचंद गुड्डू भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मौजूद सरकार में मंत्री तुलसीराम सिलावट के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। इसी के चलते पार्टी ने उनको नोटिस जारी किया था। लेकिन प्रेमचंद गुड्डू का कहना है कि वह फरवरी महीने में ही बीजेपी से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं पूर्व सांसद गुड्डू की कांग्रेस में वापसी की अटकलें लगाईं जा रही हैं| हाल ही में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात की थी|
क्या कहा था गुड्डू ने
पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने मीडिया के सामने आकर न सिर्फ सिलावट बल्कि सिंधिया पर भी जुबानी हमला बोल दिया था। यहां तक कि उन्होंने सिंधिया घराने के इतिहास पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने सिंधिया परिवार और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सामंती बताते हुए मंत्री सिलावट को ज्योतिरदित्य सिंधिया का चापलूस करार दिया। बीजेपी ने गुड्डू के मुंह खोलने के बाद इंदौर बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर को गुड्डू के सामने उतार दिया। इसके बाद सोनकर ने बीजेपी नेताओं पर की गई टिप्पणी के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई का हवाला देकर प्रेमचंद गुड्डू को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था।