प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का बड़ा बयान, लव तो चलेगा जिहाद नहीं

Atul Saxena
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सीहोर, अनुराग शर्मा।   मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker)और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma)का एक बड़ा बयान सामने आया है।  प्राचीन गणेश मंदिर में  दर्शनों के लिए गए रामेश्वर शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लव तो चलेगा लेकिन अब जिहाद नहीं चलेगा। उन्होंने कहा की शिवराज सरकार (Shivraj government) लव जिहाद पर बड़ा और शक्तिशाली कानून बनाने जा रही है,जिसे न्यायालय में भी चुनौती नहीं दी जा सकती। इस कानून के बाद गुंडों और जिहादी मानसिकता वालों में खौफ होगा. सीता को रुबिया बनाने वालों में खौफ होगा।

सीहोर पहुंचे प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लव जिहाद क़ानून ही हिन्दू मुस्लिम समस्या का ठोस हल है. उन्होंने कहा कि अगर दंगे होते हैं तो दंगे के पीछे 60  फीसदी कारण होता है कि बेटी के साथ छेड़खानी होती है, दंगे हो जाते हैं।  बेटी सीता को उठाकर ले जाते हैं , रुबिया बनाने का षड्यंत्र करते हैं, दंगे हो जाते हैं।  तो जहाँ बेटी का जन्म हुआ है जहाँ पाल पोस  कर उसे माता पिता ने बड़ा किया है उसकी सहमति होनी चाहिए, जानकारी होनी चाहिए।  बेटी के साथ ज्यादती,बत्तमीजी नहीं होनी चाहिए। लव के नाम पर उसे बहलाओ, फुसलाओ, बाद में उसके साथ बलात्कार करो, सामूहिक दुष्कर्म करो उसके बाद उसकी हत्या कर दो,अब ये षड्यंत्र नहीं चलेगा।  इसलिए लव तो चलेगा  जिहाद नहीं चलेगा। उन्होंने कहा  आज के लव में जिहाद है और जिहादी मानसिकता को ये कानून कुचलेगा।
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि  शिवराज सरकार ऐसा लव जिहाद कानून ला रही है जो मुझे लगता है कि  देश का  सबसे बड़ा और शक्तिशाली कानून होगा। आने वाले दिनों में इसमें और भी मसौदे जोड़े जायेंगे।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस कानून को माननीय न्यायालय के भी चुनौती  नहीं  दी सकती है इस कानून के आने से जिहादी मानसिकता, गुंडे ,बदमाशों में खौफ  होगा, सीता पर नजर डालने वालों में खौफ होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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