नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में यह कहा गया है की भारत में लोन की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है और बीते कुछ समय में जमा राशि और लोन पर मिलने वाले ब्याज में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। इस हालात में बैंकों में अधिक जमा हो इसके लिए ब्याज दरों को भी बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। इसका मतलब यह है आने वाले समय में आपको अपने बैंक में जमा किए गए राशि पर अधिक ब्याज का लाभ मिल सकता है।
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वहीं आरबीआई का यह भी कहना है अर्थव्यवस्था में खास पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं। फिलहाल महंगाई अपने पीक पर पहुँच चुकी है, लेकिन जल्द ही इससे राहत मिलने वाली है। सामान्य बारिश और महंगाई के कम दवाब कर वजह से वृद्धि को अच्छा सपोर्ट मिलता नजर आ रहा है और एकनॉमिक कंडीशन में सुधार के कारण लोन की मांग भी बढ़ रही है। हालांकि लोन अब भी महंगा होते जा रहा है। रेपो रेट में वृद्धि के बाद लगातार लोन और FD महंगा होते जा रहा है, जिसका सीधा प्रभाव जनता पर पड़ रहा है।
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वहीं इस वर्ष वित वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई 6 फीसदी के नीचे पहुँच गया है, लेकिन आरबीआई के मुताबिक इसे 4 फीसदी से नीचे जाने में करीब दो साल का समय लग सकता है। हालांकि आरबीआई ने 2022 की बुलेटिन में यह भी कहा था की अभी महंगाई के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन संकेत को माने तो महंगाई चरमसीमा तक पहुँच सकती है। बावजूद इसके आरबीआई महंगाई कम करने के लिए कदम उठाएगा।
दूसरी तरफ देश में रुपये की कीमत दिन प्रतिदिन गिरते जा रही है, जिसपर आरबीआई ने डेप्यूटी गवर्नर ने कहा की इसके लिए हमें लगातार व्यापारिक घाटे और पोर्टफोलियो पर नजर रखनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक रुपये के गिरावट को संभालने के लिए आरबीआई ने करीब 10 मिलियन विदेशी मुद्रा खरीदी और 8.1 बिलियन के रिजर्व की बिक्री भी की है।