MP का बढ़ा मान, सतना में बना एक दिन में सर्वाधिक सीमांकन करने का रिकॉर्ड, एशिया बुक में नाम दर्ज

Atul Saxena
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MP News : मध्य प्रदेश के नाम एक उपलब्धि बढ़ी है जिससे एमपी का मान बढ़ा है, मध्य प्रदेश के सतना जिले ने एक दिन में सर्वाधिक सीमांकन कर देश में ही नहीं एशिया महाद्वीप में एक रिकॉर्ड बनाया है जिसके चलते एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने सतना का नाम अपनी बुक में दर्ज किया है।

सतना राजस्व अमले में एशिया महाद्वीप में एक दिन में सर्वाधिक सीमांकन का रिकॉर्ड बनाया और ये रिकार्ड अब एशिया बुक में दर्ज  हो गया है। सतना जिले में पिछले 20 मई को जब तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया था उस दिन महज 12 घण्टे में 1552 प्रकरणों का सीमांकन हुआ जो एक रिकॉर्ड है । आज एक भव्य कार्यक्रम में एशिया बुक ऑफ रिकार्ड की टीम ने  सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा को प्रमाण पत्र सौंपकर सम्मानित किया ।

20 मई को एक दिन में हुए 1552 सीमांकन 

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की मंशा अनुसार पूरे प्रदेश में 20 मई को राजस्व प्रकरण के सीमांकन के लिए अभियान चला ।इस अभियान के तहत सतना जिले भी एक दिन में 1552 सीमांकन के प्रकरण का निराकरण किया गया। राजस्व विभाग का मैदानी अमला एक एक आवेदनों पर जमीनों की नापजोख की और सीमांकन कर बरसों से विवाद की जड़ को खत्म किया । ये अभियान अब एशिया बुक में दर्ज हो चुका है।

एशिया में सतना जैसा रिकॉर्ड बनाने वाला एक भी ऐसा जिला नहीं 

दरअसल पूरे एशिया महाद्वीप में अब तक एक भी जिला नहीं है जहां एक साथ इतनी संख्या में सीमांकन एक दिन में हुआ हो ।आज जिला कलेक्ट्रेट सभागार में एक भव्य कार्यक्रम हुआ, जिसमे एशिया बुक ऑफ रिकार्ड के असिटेंट मैनेजर इंडिया प्रदीप तिवारी मौजूद थे। उन्होंने जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा को प्रमाण पत्र सौंपा। जिला कलेक्टर की मौजूदगी में राजस्व अमले के टॉप टू बॉटम कर्मचारियों को प्रशक्ति पत्र भी दिए गए।

सतना से पुष्पराज सिंह बघेल की रिपोर्ट


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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