बढ़ता वायु प्रदूषण अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों के लिए हो सकता है घातक, बचाव के लिए अपनाएं ये सावधानियां

प्रदूषण के कारण हवा की खराब होती गुणवत्ता संपूर्ण सेहत के लिए गंभीर दुष्प्रभावों वाली हो सकती है। विशेषतौर पर यदि आप पहले से ही सांस से संबंधित किसी बीमारी के शिकार रहे हैं तो दूषित हवा आपकी जटिलताओं को कई गुना तक बढ़ाने वाली हो सकती है।

Amit Sengar
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Dr Vikas Mishra Associate Professor Deptt of Respiratory Medicine GMC Bhopal

COPD : दिवाली और सर्दियों के दौरान अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस समय वायु प्रदूषण, श्वसन संक्रमण और ठंड का खतरा बढ़ जाता है।

कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां एवं सुझाव :-

1. पटाखों से बचाव (विशेष रूप से दिवाली के लिए)

पटाखों से होने वाला प्रदूषण – पटाखों से निकलने वाले हानिकारक कण (PM2.5), रसायन और गैसें अस्थमा और सीओपीडी के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।

सावधानियां –

  • पटाखे जलाने के समय (आमतौर पर शाम) में घर के अंदर रहें।
  • वायु शुद्धिकरण ( Air purifiers) उपकरणों का उपयोग करें और खिड़कियां बंद रखें।
  • अगर बाहर जाना पड़े, तो N95 मास्क का उपयोग करें।

2. ठंडे मौसम का प्रबंधन (विशेष रूप से सर्दियों के लिए)

ठंडी हवा श्वास नलिकाओं को संकुचित कर सकती है, जिससे अस्थमा और सीओपीडी के लक्षण बढ़ सकते हैं।

सावधानियां –

  • गर्म कपड़े पहनें, विशेष रूप से नाक और मुंह को स्कार्फ से ढकें ताकि सांस लेने वाली हवा गर्म हो।
  • घर के अंदर ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें ताकि हवा शुष्क न हो।
  • सुबह जल्दी और देर रात के समय जब तापमान सबसे ज्यादा गिरता है, बाहर जाने से बचें।

3. संक्रमण से बचाव

सर्दियों में फ्लू और अन्य श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो अस्थमा और सीओपीडी को और खराब कर सकता है।

सावधानियां –

  • वार्षिक फ्लू वैक्सीन लगवाएं और जरूरत पड़ने पर न्यूमोकोकल वैक्सीन लें।
  • हाथों की सफाई का ध्यान रखें और भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रहें।
  • संक्रमण होने पर जल्दी से डॉक्टर से परामर्श लें।

4. दवाओं और इनहेलर का नियमित उपयोग

अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को दिवाली और सर्दियों के दौरान दवाओं का नियमित रूप से उपयोग करना चाहिए ताकि लक्षण नियंत्रण में रहें।

सावधानियां-

  • डॉ द्वारा सुझाए गए नियंत्रण इनहेलर का नियमित उपयोग सुनिश्चित करें।
  • रेस्क्यू इनहेलर (जैसे सॉल्बुटामॉल) हमेशा पास रखें।
  • डॉक्टर से परामर्श करके इस समय के दौरान इनहेलर की खुराक बढ़ाने पर विचार करें।

5. वायु गुणवत्ता की निगरानी करें-

दिवाली और सर्दियों में वायु प्रदूषण का स्तर अक्सर PM2.5 के कारण बढ़ जाता है।

सावधानियां-

  • AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) की निगरानी ऐप्स या ऑनलाइन उपकरणों से करें।
  • यदि AQI खराब से गंभीर स्तर पर हो तो बाहरी गतिविधियों से बचें।
  • घर के अंदर, विशेष रूप से बेडरूम में, air purifiers उपकरणों का उपयोग करें।

6. हाइड्रेटेड रहें और स्वस्थ आहार लें-

हाइड्रेशन शरीर में म्यूकस को पतला रखने में मदद करता है, जिससे उसे आसानी से बाहर निकाला जा सके।

सावधानियां-

  • भरपूर पानी पिएं।
  • इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फल और सब्जियों से भरपूर आहार लें।

7. डॉक्टर से परामर्श करें-

मरीजों के पास उनकी स्थिति के प्रबंधन के लिए एक व्यक्तिगत एक्शन प्लान होना चाहिए।

सावधानियां –

  • दिवाली और सर्दियों से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें कि क्या दवाओं में बदलाव की आवश्यकता है।
  • एक स्पष्ट योजना बनाएं कि लक्षणों के बिगड़ने पर क्या करना है और आपातकालीन स्थिति में कब चिकित्सा सहायता लेनी है।
  • इन सावधानियों का पालन करके अस्थमा और सीओपीडी के मरीज दिवाली और सर्दियों के दौरान अपने फेफड़ों की सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

Dr Vikas K. Mishra
Associate Professor
Dept of Respiratory Medicine
GMC BHOPAL


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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