मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल पर झुंझलाये सिंधिया, कही ये बड़ी बात

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet expansion)  को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) द्वारा दिये गए बयान के बाद भाजपा की अंदरूनी सियासत गर्मा गई है और सिंधिया खेमे के नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है हालांकि अनुशासन के लिए जानी जाने वाली पार्टी के कारण कोई भी नेता इस मामले में कुछ नहीं बोल रहा । उधर सांसद सिंधिया से जब मीडिया ने मंत्रिमंडल विस्तार पर सवाल किया तो उन्होंने झुंझलाते हुए कहा “अरे भई, कितनी बार मैं कहूँ भई, आप लोग इतने व्याकुल क्यों हो भई”?

ग्वालियर के दौरे पर आये राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए शिवराज सरकार की तारीफ की लेकिन मीडिया ने जब उनसे मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सवाल किया तो झुंझलाते हुए कहा कि “अरे भई, कितनी बार मैं कहूँ भई, आप लोग इतने व्याकुल क्यों हो भई”। फिर संभलते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह जी के नेतृत्व मे सरकार बड़ी अच्छी तरह से चल रही है। जब उनको लगे कि विस्तारीकरण करना है तो वे नड्डा जी (JP Nadd), प्रधानमंत्री मोदी जी (Narendra Modi), अमित शाह (Amit shah) जी के साथ निर्णय लेंगे और तब विस्तारीकरण करेंगे। सरकार अभी अच्छी चल रही है और मुझे पूरा विश्वास है कि जन कल्याण की जो शपथ हमने ली है वो तीन साल में पूरी कर मध्यप्रदेश की जनता को देंगे।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर में आयोजित जिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण वर्ग के दौरान आज रविवार को मीडिया से बात करते हुए मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल पर कहा कि पहले वे माफिया को निपटाने का काम कर रहे हैंम इसके बाद देखा जायेगा। हमारी प्राथमिकता फिलहाल मध्यप्रदेश में शांति स्थापित करना है कैबिनेट विस्तार और संगठन में पद का वितरण प्राथमिकता नहीं है।  मुख्यमंत्री के इसी बयान के बाद से सिंधिया समर्थकों सहित मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले विधायकों और संगठन में पद पाने के इच्छुक नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है।

बहरहाल यहाँ समझने वाली बात ये भी है कि मंत्रिमंडल विस्तार भले ही मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन सिंधिया अपनी बात में ये संकेत दे गए कि अब मंत्रिमंडल विस्तार प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की सहमति से ही होगा

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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