भोपाल।
बुरहानपुर से दिग्गज भाजपा नेत्री पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस को शिकस्त देकर विधानसभा में पहुंचे और कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा सरकार से अच्छे खासे नाराज हैं ।दरअसल समर्थन देते वक्त तय हुआ था कि शेरा को मंत्री बनाया जाएगा लेकिन वादा सिर्फ वादा रहा और अब तक पूरा नहीं हुआ। शेरा का साफ तौर पर कहना है कि सरकार को जो काम कार्यकर्ताओं से कराना चाहिए, वह ब्यूरोक्रेट्स कर रहे हैं ।सरकार के पास अभी कम से कम 500 पद ऐसे हैं जो कार्यकर्ताओं को अगर दिए जाएं तो वह बेहतर तरीके से सरकार और राज्य को चला सकते हैं ।बावजूद इसके नियुक्तियां नहीं किया जाना समझ से परे है ।
इस दौरान शेरा ने शायराने अंदाज में कहा कि हम बावफा थे इसलिए नज़रों से गिर गए , बाखुदा उन्हें आज भी एक बेवफा की तलाश है। शेरा ने यह भी सवाल खड़ा किया कि निगम और मंडलों में जब तक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति नहीं होगी या सरकार में उनकी सहभागिता नहीं होगी तो फिर सरकार बनाने का क्या फायदा ।निगम और मंडलों के अलावा कोऑपरेटिव फेडरेशन और मार्केटिंग फेडरेशन में भी काफी ऐसी जगह है जहां कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया जा सकता है ।
आज स्थिति यह है कि कार्यकर्ताओं को काम कराने के लिए आईएएस अधिकारियों के पास जाना पड़ रहा है जबकि होना यह चाहिए कि अधिकारी कार्यकर्ताओं से पूछ कर काम करें ।शेरा ने कमलनाथ से आग्रह किया कि वे सभी 121 विधायकों को ,जो उनका समर्थन कर रहे हैं ,कोई न कोई जवाबदेही दे ताकि कमलनाथ का भी लोड कम हो ।
सहारा समय के सौजन्य से