भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में जहां किसान आंदोलन (farmer protest) आज बड़े पैमाने पर कृषि कानूनों (farm laws) का विरोधकर चक्का जाम कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार (shivraj government) लगातार किसानों के हित में बड़े निर्णय ले रही है। इसी बीच एक बार फिर किसानों की फसल को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश की सभी मंडियों को भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में शामिल किया जाएगा।
दरअसल शुक्रवार को मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (Madhya Pradesh State Agricultural Marketing Board) की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें प्रबंध संचालक प्रियंका दास (priyanka das) ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं। प्रियंका दास ने कहा कि प्रदेश की 80 मंडियों को इस योजना में शामिल करने की कार्यशैली तैयार की जा रही है। इसके बाद मध्य प्रदेश की सभी मंडियों को शीघ्र ही इस योजना में शामिल किया जाएगा।
वहीं अधिकारियों को निर्देश देते हुए मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक प्रियंका दास ने कहा के सभी मंडियों को भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जोड़ने के लिए तैयारियां की जाए। इसके साथ ही उन्होंने मंडी समिति की आय से लेकर आवक और इसके साथ ही बेहतर कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं।
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बता दें कि “वन नेशन वन मार्केट” (one nation, one market) की तर्ज पर प्रदेश की सभी मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में शामिल किया जाएगा। वही कृषि उपज मंडी की राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जुड़ने के बाद किसानों को पूरे देश से जुड़ने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही साथ हुआ अपनी फसल का सौदा देश के किसी भी हिस्से के व्यापारी से आसानी से कर सकेंगे। इसके लिए मंडियों को पोर्टल से जोड़कर राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में शामिल किए जाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।
बता दें कि पिछले साल मोदी सरकार ने “वन नेशन-वन मार्केट” योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को किसी भी राज्य में फसल बेचने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही कृषि उत्पादों के भंडारण की सीमा को भी समाप्त कर दिया गया है। इस योजना के तहत किसानों को ज्यादा दाम मिलने पर वह अपनी फसल को आपसी सहमति के आधार पर किसी को भी बेच सकते हैं। किसानों को इस की आजादी होगी। अब इस क्षेत्र में शिवराज सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया।