ग्लिसरीन के आंसू बहा रहे शिवराज, किसानों को मुआवजा ना मिला तो सड़कों पर उतरेंगे: प्रजापति

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव (MP Assembly Byelection) से पहले दोनों ही पार्टियां किसानों (Farmers) को रिझाने में लगी हुई है। मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति (Former Assembly President NP Prajapati) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में किसान इस समय खून के आंसू रो रहा है और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ग्लिसरीन के आंसू बहा रहे हैं। प्रजापति ने कहा, अभी फसल के बीमा के लिए कंपनी तय नहीं और सरकार ने प्रीमियम काटना शुरु कर दिया हैं।

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि जब प्रदेश में मक्का की बंपर पैदावार हो रही थी तब मोदी सरकार ने मक्का पर आयात शुल्क 60% से घटाकर 15% कर दिया और 5 लाख टन मक्का आयात करने की अनुमति दे दी है। प्रजापति ने कहा शिवराज सिंह अगर किसानों के हितेषी हैं तो केंद्र सरकार को मक्का आयात करने से क्यों नहीं रुकते, और किसानों को मारना ही चाहते हैं तो ग्लिसरीन के आंसू बहाना बंद करें। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सोयाबीन की बर्बाद फसल का सरकार मुआवजा दें, ताकि अन्नदाता किसानों की कुछ दिक्कत कम हो। आज किसान यूरिया खाद की कालाबाजारी व बिजली के बढ़े हुए बिल से परेशान है। उन्होंने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान को सोयाबीन का मुआवजा नहीं मिला तो कांग्रेस सड़क पर उतरेगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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