भोपाल। विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद शिवराज सिंह ने कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें जो दायित्व दिया है, उसका निष्ठापूर्वक निर्वहन में वो कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होने कहा कि शासन करने की शैली में भी परिवर्तन किया जाएगा, हम सब मिलकर काम करेंगे। प्रदेश के विकास की दिशा में आगे ले जाएंगे। जन कल्याण का नया इतिहास रचेंगे, इसके साथ ही उन्होने कहा कि आज हमारे सामने कोरोना का जो विकट संकट खड़ा है इससे निपटने में सभी हम सभी तत्काल काम में लग जाएंगे, शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मैं कार्य शुरू कर दूंगा और सबसे पहले कोरोना से निपटने के लिये कार्ययोजना बनाई जाएगी।
इस अवसर पर उन्होने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने जो भावनाएं प्रकट की है उसके अनुसार अपने आप को नए जोश से प्रदेश के विकास के लिये कार्य करना है। उन्होने आह्वान किया कि सभी विधायक अपने क्षेत्रों में जाकर जनता की सेवा में लग जाएं और हम सबको मिलकर इस कोरोना के संकट पर विजय पाना है। उन्होने कहा कि शपथ लेने के तत्काल बाद सोमवार से ही अपने कार्यालय में दायित्व संभाल लेगें।
शिवराज सिंह चौहान ने विधायक दल की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में सवा साल अपने दायित्व का निर्वाह किया है वहीं नरोत्तम मिश्रा सरकार को सचेत करते रहे हैं। नरोत्तम मिश्रा की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही और ये बीजेपी में ही होता है कि साधारण कार्यकर्ता को बड़ा काम करने का मौका मिलता है। शिवराज ने केंद्रीय नेतृत्व का भी आभार माना और कहा कि सभी को साथ लेकर चलेंगे।
शिवराज ने अपने चयन के बाद संबोधन में कहा कि यह उनके लिए बहुत भावुक पल है। वे हमेशा पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता रहे हैं। यह भाजपा में ही संभव है कि एक सामान्य कार्यकर्ता को इस तरह काम करने का अवसर मिले। शिवराज ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें चुनौतीपूर्ण समय में यह दायित्व मिला है और वो इसे पूरी प्रतिबद्धता से निभाएंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने विधायक दल की बैठक में कहा कि मेरे लिए आज बहुत भावुक पल हैं। भाजपा मेरी मां है और मैं मां के दूध की लाज रखने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। जाने वाली सरकार सब तबाह करके गई है। शासन करने की शैली में भी अब परिवर्तन किया जाएगा। काम बोलेगा, हम मिलकर काम करेंगे। जनकल्याण का नया इतिहास रचेंगे। यह उत्सव का समय नहीं है। परिस्थितियां हमें इजाजत नहीं देती। कोरोना के संकट को समाप्त करना है। तत्काल हमें काम पर जुटना है। जो भावनाएं प्रधानमंत्री मोदीजी ने प्रकट की है, उन भावनाओं से हमें जुड़ना है। फिलहाल हमें कोरोना महामारी के संक्रमण की चेन को तोड़ना है। कोई उत्साह, उ
त्सव और समारोह नहीं होगा। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मैं अपने कार्यालय जाऊंगा और कोरोना से लड़ने की योजना बनाई जाएगी। हमें इस महामारी से निपटना है और इसके लिये तत्काल योजना बनाई जाएगी।