MP गजब है – खुद पर लगे वसूली के आरोपों के SP ने दिए जांच के आदेश 

Atul Saxena
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shivpuri

मुरैना, संजय दीक्षित। मध्यप्रदेश ( Madhy Pradesh) में जो कुछ भी हो जाए वो कम है, एक तरफ तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)अधिकारियों को जमीन में गाड़ने की चेतावनी दे रहे हैं बावजूद उसके अधिकारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मुरैना जिले का हैं, जहां पदस्थ एसपी (SP)  ने उनपर लगे अवैध वसूली के आरोपों की जांच के आदेश डीएसपी (DSP) को दिए हैं। मामला एक चिटफंड कंपनी से जुड़ा है।

सहारा इण्डिया (Sahara India) में काम कर चुके एजेंट अपनी और लोगों की जमा पूंजी को वापस लाने के लिए पिछले लगभग 6 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। जब कंपनी की तरफ से जब उन्हें लगने लगा कि हमारा पैसा डूब गया, इसे कंपनी ने हजम कर लिया तो मुरैना शहर के लोगों से दो अलग अलग FIR  करवाई एक में 180 फरियादी हैं और दूसरे में 57 फरियादी है, इसके अलावा पूरे जिले में ऐसी कई FIR दर्ज हैं। जब पुलिस का दबाव सहारा के वरिष्ठ प्रबंधन पर पड़ा तो उन्होंने धीरे धीरे लोगों का पैसा लौटना शुरू किया। लेकिन मजे की बात देखिये कि इस पैसे पर सहारा के स्थानीय प्रबंधन की नजर जम गई और वे एजेंट्स से एसपी (SP) और टीआई (TI) के नाम पर अवैध वसूली करने लगे। एजेंट्स ने आरोप लगाया कि जब वे अपने चैक लेने जा रहे हैं तो उनसे 15 से 25 प्रतिशत तक राशि मांगी जा रही है तब उन्हें उनका चैक दिया जा रहा है।

सहारा इण्डिया (Sahara India) से पीड़ित एजेंट्स ब्रजेश अग्रवाल, योगेश कुमार गोयल, राकेश कुमार गोयल, आशीष बिसारिया और राजीव बिसारिया ने मुरैना एसपी अनुराग सुजानिया को दिए आवेदन में कहा कि हमने सहारा प्रबंधन के खिलाफ शिकायत निवारण शिविर में 25 जुलाई 2020 को आवेदन दिया था जिसके आधार पर शाखा प्रबंधक के खिलाफ कोतवाली में FIR दर्ज हुई थी। FIR के बाद वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा कुछ चैक हम लोगों के लिए भेजे गए है तो सहारा इण्डिया (Sahara India)  कार्यालय मुरैना में पदस्थ शाखा प्रबंधक व उनके सहयोगियों द्वारा हम जमाकर्ताओं से 15  से 25 प्रतिशत की राशि वसूली जा रही है। इन लोगों का कहना है कि ये राशि जब एसपी और टीआई को दी जाएगी तब उन्हें चैक दिए जायेंगे।

पीड़ित योगेश कुमार गोयल ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि मेरे 27- 27 हजार रुपये के दो चैक आये थे जिसकी एवज में मुझसे 8 हजार रुपये मांगे गए। जबकि मेरे भाई राकेश कुमार गोयल को 4 लाख 92 हजार का चैक दिया जिसकी एवज में 80 हजार रुपये नगद लिए गए। उधर  एक अन्य शिकायतकर्ता ब्रजेश अग्रवाल ने बताया कि उसने पैसे देने से मना कर दिया तो उसका चैक नहीं दिया गया। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत एसपी से की है। ऐसा ही अन्य लोगों के साथ किया जा रहा है यानि जो पैसा दे रहा है उसे भुगतान के चैक दिए जा रहे हैं और जो पैसा नहीं दे रहे उनको चैक नहीं दिए जा रहे।

उधर एसपी अनुराग सुजानिया ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि मेरे पास शिकायती आवेदन आया है जिसमें कुछ लोगों ने मेरे नाम से सहारा इण्डिया (Sahara India)द्वारा की जा रही अवैध वसूली की बात की है। मैंने आवेदन लेने के बाद डीएसपी (DSP)  हेडक्वार्टर को इसकी जाँच के आदेश दे दिए हैं।  शिकायतकर्ताओं के बयान हो गए हैं, जाँच पूरी होने के बाद जल्दी ही कार्रवाई की जाएगी।

वाकई में ये सब देखने और सुनने के बाद तो यही कहा जा सकता है कि एमपी गजब है। क्योंकि सहारा के जिन लोगों के खिलाफ FIR हुई है वे आराम से अपने ऑफिस में बैठे है पुलिस उनको गिरफ्तार भी नहीं कर रही है उल्टा उनपर अब पुलिस कप्तान के नाम पर पीड़ितों से धन उगाही के आरोप लग रहे हैं। अब देखना ये है कि एसपी साहब इन आरोपों को कैसे क्लीन चिट देते हैं।

MP गजब है - खुद पर लगे वसूली के आरोपों के SP ने दिए जांच के आदेश 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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