इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने 22 मई को होने वाली राज्य इंजीनियरिंग सेवा (स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस) और डेंटल सर्जन परीक्षा को स्थगित कर दिया हैं। हालांकि, इन परीक्षाओं के आयोग ने प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए थे, लेकिन बुधवार को हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद एमपीपीएससी को इन परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ा। हाई कोर्ट के फैसला के अनुसार अब स्टेट इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा को अन्य प्रदेशों के उम्मीदवार भी दे सकेंगे।
दरअसल, पहले एमपीपीएससी की तमाम परीक्षाओं का आवेदन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों के पास मप्र का जीवित रोजगार पंजीयन अनिवार्य किया था। लेकिन, हाई कोर्ट ने ‘सभी के लिए समान अवसर’ को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े के अहम मामले पर उपयुक्त फैसला सुनते हुए आदेश दिया कि अब मध्य प्रदेश की लोक सेवाएं परीक्षा अब दूसरे राज्य के छात्र में दे सकेंगे।
आपको बता दे, उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर निवासी शीलेन्द्र सिंह व आजमगढ़ जिला निवासी वैभव कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में इस मामले पर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि एमपीपीएससी के जरिए आगामी 22 मई को मध्य प्रदेश राज्य अभियांत्रिकी सेवा, स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा-2021 आयोजित की जा रही है। इसमें याचिकाकर्ता योग्य होने के बावजूद इसलिए शामिल नहीं किया गया, क्योंकि वे मध्य प्रदेश के मूलनिवासी नहीं हैं। एमपीपीएससी के इस नियम को असंवैधानिक बताते हुए अधिवक्ता संघी ने उम्मीदवारों के पक्ष में निर्णय सुनाया था।आवेदन के लिए अब कम से कम सात दिनों का समय दिया जाएगा।
निर्णय के बाद बुधवार शाम एमपीपीएससी ने राज्य अभियांत्रिकी सेवा के साथ डेंटल सर्जन परीक्षा को भी आगे बढ़ा दिया। जब एमपीपीएससी ने राज्य इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा की घोषणा की थी तब सिर्फ 21 पद घोषित थे। हालांकि, बाद में पदों की संख्या बढ़ाकर 467 कर दी गई। बता दे,अब तक कुल 29 हजार उम्मीदवार परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके हैं।