Bus Strike – बस ऑपरेटरों की हड़ताल, 150 प्राइवेट बसों के पहिये थमे, यात्री हो रहे परेशान

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। नाका चंद्रबदनी के पास से संचालित होने वाली बसों के संचालन को आज अचानक रोक कर बस ऑपरेटर हड़ताल (Bus Operator Strike) पर चले गए। हड़ताल पर जाने की वजह मुख्य बस स्टैंड (Main bus stand) से चलने वाली बसों (Bus) द्वारा सवारियां ले जाना बताया जा रही है। उधर बसों की हड़ताल के चलते डबरा (Dabra), दतिया (Datia), गुना (Guna), शिवपुरी (Shivpuri) की तरफ जाने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं।

झांसी रोड पर नाका चंद्र बदनी के पास स्थित प्राइवेट बस स्टैंड से करीब 150 बसें आसपास के जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों में जाती हैं। यहाँ से करीब 2 से 3 हजार यात्री रोज यात्रा करते हैं। लेकिन आज बस ऑपरेटरों ने अचानक बसों के पहिये रोक दिये और हड़ताल पर चले गए। बस ऑपरेटरों का कहना था कि मुख्य बस स्टैंड से चलने वाली बसें इस रूट से निकलते हुए हमारी सवारी ले जाती हैं जबकि इनका रूट यहाँ से नहीं हैं। उनके सवारी ले जाने से हमें आर्थिक नुकसान हो रहा है। हड़ताल की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बस ऑपरेटरों को समझाने की कोशिश की। लेकिन बस ऑपरेटर अपनी जिद पर अड़े रहे। हडताल के चलते यात्री परेशान हो रहे हैं।

Bus Strike - बस ऑपरेटरों की हड़ताल, 150 प्राइवेट बसों के पहिये थमे, यात्री हो रहे परेशान

Bus Strike - बस ऑपरेटरों की हड़ताल, 150 प्राइवेट बसों के पहिये थमे, यात्री हो रहे परेशान


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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