देवास। सोमेश उपाध्याय।
मध्यप्रदेश (madhypradesh) शासन के पूर्व मंत्री दीपक जोशी (former minister deepak joshi)के चर्चित बयान के बाद संगठन में घमासान मचा हुआ है।जिसके बाद पूर्व मंत्री जोशी को भोपाल(bhopal) भी बुलाया गया था!मंत्री जोशी देवास(dewas) जिले की हाटपिपल्या विधानसभा(haatpipliya vidhansabha) से 2 बार के विधायक(mla) रहे है।परन्तु उनके राजनीतिक कैरियर की शुरुआत बागली विधानसभा से ही हुई थी।जोशी सन्त 2003 में पहली बार बागली विधानसभा से ही विधायक चुने गए थे।उन्होंने युवा काल मे ही दिग्वविजय सिंह(digvijay singh) के समर्थक रहे वर्तमान जिला कांग्रेस (congress)अध्यक्ष श्याम होलानी को शिकस्त दी थी।जोशी का बागली विधानसभा में अच्छा खासा होल्ड है।चूंकि यह विधानसभा उनके पिता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्व. कैलाश जोशी की राजनीतिक कर्मभूमि रही है।वे यहां से लगातार 8 बार चुनाव जीतने का कीर्तिमान स्थापित कर चुके है।ऐसे में जोशी के जिले की इन दोनों विधानसभाओ में खासे समर्थक है।जोशी के बगावती सुर के बाद से ही क्षेत्र के जोशी समर्थक संक्रिय हो गए थे।बागली नगर परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष अमोल राठौर ने बताया कि जोशी हमे संगठन का पाठ पढ़ाने वाले नेता है।उन्होंने पार्टी के लिए सँघर्ष किया है।ऐसे में उनका सम्मान जरूरी है।हमारी माँग है कि उन्हें निगम मण्डल में जगह दी जाए या संगठन में बड़ी जिमेदारी सौपी जाए।बरहाल फैसला भाजपा से संगठन को लेना है परन्तु जोशी समर्थकों के बयान को नई रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है!
बागली विधायक भी है जोशी समर्थक
सन 2008 से अजजा आरक्षित हुई बागली विधानसभा में जोशी समर्थकों ने ही कमान संभाली है।पूर्व स्व.चंपालाल देवड़ा से लेकर वर्तमान विधायक पहाड़ सिंह कन्नोजे भी जोशी समर्थक है।
समर्थकों के सम्पर्क में है जोशी-
वही जोशी अपने समर्थकों से सतत सम्पर्क बनाए हुए है।वे दोनों विधानसभाओ के अलावा जिले के समर्थकों से लगातार संवाद बना रहे है!