भोपाल, गौरव शर्मा। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के बाद सीएम शिवराज अपने मंत्रियों के साथ आज सीहोर जिले में बैठकर भविष्य की रणनीति बना रहे हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री प्रदेश के लिए आगे का रोड मैप तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।
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कोरोना की दूसरी लहर से निपटने का रोल मॉडल बनने के बाद शिवराज, कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक सोमवार को सीहोर के एक निजी होटल में हो रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बैठक के माध्यम से न केवल कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के प्रयासों पर चर्चा करेंगे बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारने और विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने की रोडमैप पर भी चर्चा की जाएगी। दरअसल विभिन्न विभागों की आर्थिक स्थिति कोरोना के चलते इस समय बदहाल है। इससे उबरने के लिए क्या वैकल्पिक कदम उठाए जा सकते हैं, इन विषयों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के कार्यक्रम को प्रदेश में अमलीजामा पहनाने के लिए किस तरह से लोगों को प्रेरित और उनकी मदद की जाए, इस विषय में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
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सवा साल से लंबित मंत्रियों के जिलो के प्रभार का मामला भी इस बैठक का महत्वपूर्ण विषय हो सकता है और मुख्यमंत्री शिवराज, जल्द ही इस बारे में औपचारिक घोषणा कर सकते हैं कि किस मंत्री के पास कौन सा जिला होगा। आने वाले समय में भाजपा को एक लोकसभा और तीन विधानसभा उपचुनावों के साथ-साथ नगरीय निकाय के चुनावों में जनता के सामने जाना है। हालांकि पंचायत के चुनाव दलीय प्रणाली पर नहीं होते लेकिन वह भी आने वाले समय में होने हैं। इन सब के मद्देनजर सरकार संगठन के साथ कैसे कदमताल करें, इस विषय पर भी शिवराज मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कोरोना प्रभावित जिलों का प्रभार मंत्रियों को दिया था। इस बात की व्यापक संभावना है कि इनमें से जिन मंत्रियों ने बेहतर काम किया है, उन्हें संभव से जिला प्रभारी के रूप में वही जिले आवंटित कर दिए जाएं।
आज की बैठक के प्रमुख एजेंडे
प्रदेश के विकास, प्रगति एवं समृद्धि के कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर मुक्त चिंतन। कोरोना के बाद आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की संभावना प्रदेश में शिक्षा स्वास्थ्य क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण और इन क्षेत्रों में नवाचार, मंथन। विभागीय योजनाओं की प्रगति पर चर्चा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की प्रगति पर चर्चा, मंथन। रिवेन्य्यू बढ़ाने पर चर्चा , मंथन। बजट के नए संसाधन उपलब्ध कराना, मंथन