भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ नया साल (New Year) का आगाज़ लोगों के लिए खुशियां लेकर आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ लोगों की जेब पर भी इसका भारी असर पड़ने वाला है। दरअसल नए साल में कपड़े सहित कपड़ा उत्पादों पर GST को बढ़ा दिया गया है। वहीं जीएसटी में बढ़ोतरी से अब कपड़ा महंगा होगा। कपड़ा उत्पादों पर GST 5% से बढ़ाकर 12% करने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath) ने सरकार से बड़ी मांग कर दी है।
दरअसल कपड़ा उत्पादों पर 12% जीएसटी लागू करने के सवाल पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैं ने पूर्व में कहा था कि कपड़ा पर 1 जनवरी से जीएसटी की दर 5% से बढ़ाकर 12% करने का निर्णय लिया जाएगा। यह निर्णय जनविरोधी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार को अपने इस निर्णय को तत्काल निरस्त कर देना चाहिए। कपड़ा व्यवसाई जीएसटी की दर बढ़ने का विरोध कर रहे हैं।
वहीं यदि जीएसटी की दर वृद्धि कपड़ा व्यवसाय को पूरी तरह से तबाह कर देगी। कमलनाथ ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के कारण व्यापारी विरोध को मजबूर हो गए हैं और उन्होंने सरकार से मांग की है कि अपने हठ को छोड़कर कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाने के निर्णय को वापस ले और कपड़ा व्यवसाई को राहत दे। इतना ही नहीं कमलनाथ ने कपड़ा व्यवसाई पर के समर्थन की बात कही है उन्होंने कहा कि कांग्रेस कपड़ा व्यवसायियों की मांग का पूर्ण समर्थन करती है और उनके साथ हर हाल में खड़ी है।
ज्ञात हो कि जीएसटी में एक जनवरी 2022 से कई बड़े बदलाव होने वाले इन बदलावों में ई-कॉमर्स ऑपरेटर पर पैसेंजर ट्रांसपोर्ट के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर टैक्स का भुगतान करना होगा। इसके अलावा टेक्सटाइल फुटवियर सेक्टर के इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में भी संशोधन 1 जनवरी से लागू होंगे।
इसके अलावा एक जनवरी 2022 से को टर्न को छोड़कर सभी टेक्सटाइल प्रोडक्ट पर 12 फीसद का जीएसटी लागू होगा। वही फुटवियर पर भी 12% जीएसटी की दर लागू होगी। इतना ही नहीं ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से प्रदान किए जाने वाली पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सर्विस पर एक जनवरी 2022 से 5 फीसद टैक्स लागू होंगे।
सरकार की हठधर्मिता के कारण व्यापारी विरोध को मजबूर है।
मै सरकार से माँग करता हूँ कि सरकार अपनी हाथधर्मिता छोड़कर इस निर्णय को वापस लेकर कपड़ा व्यापारियों को राहत प्रदान करे।
कांग्रेस कपड़ा व्यापारियों की इस माँग का पूर्ण समर्थन करती है और उनके साथ खड़ी है।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 30, 2021