‘मदर्स डे’ स्पेशल : इस दुनिया में सबसे बड़ा योद्धा ‘मां’ होती है, जाने ‘मदर्स डे’ के कुछ अनसुने तथ्य

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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। ‘ऐ अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया, माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया’, वैसे तो जरुरी नहीं हैं कि हम मां को सिर्फ एक दिन ही यह महसूस कराए कि हमारे जीवन में उसका क्या महत्व है लेकिन साल के 365 दिन और 24 घंटे हमारा ख्याल रखने वाली इस साक्षात देवी को एक दिन की छुट्टी लेकर समर्पित करना बनता है। एक दिन तो इस योद्धा को पता चले कि वो हमारे लिए कितनी स्पेशल है।

हालांकि, 1914 तक ‘मदर्स डे’, एक आधिकारिक अवकाश नहीं था, हम सदियों से मां के निष्पक्ष बलिदान को मनाते आ रहे है। इस दिन को हम मां के साथ कार्ड, उपहार, विशेष भोजन और शिल्प के साथ मनाते हैं।

आइये मदर्स डे के इतिहास के बारे में गहराई से जानते है और आपको बताते है कि पसंदीदा मदर्स डे परंपराएं कैसे बनीं-

‘मदर्स डे’ की शुरुआत, प्राचीन ग्रीस से शुरू हुई, जहां वह देवी रिया के सम्मान में वसंत उत्सव आयोजित करते थे, जिन्हे कई देवताओं की मां माना जाता था।

लेकिन तब तक इसे आधिकारिक मान्यता नहीं मिली थी, 1914 में अन्ना जार्विस नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता के बहुत समझाने के बाद, वुडरो विल्सन ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि प्रत्येक मई का दूसरा रविवार ‘मदर्स डे’ के रूप में मनाया जाएगा।

इस खास दिन को कैसे मनाए –

इस दिन मां को बताया जाए कि वो हमारे लिए कितनी स्पेशल है और हम उससे कितना प्यार करते है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कार्ड, क्योंकि वह चिट्ठी सदियों तक एक याद के रूप में संझो के रखी जा सकती है। कार्ड, चाहे प्यार के साथ खुद बनाया जांए या हाथ ‘मदर्स डे’ को ध्यान में रखकर खरीदा जाए।

अन्ना जार्विस, जिन्होंने मदर्स डे को आधिकारिक अवकाश घोषित करने के लिए राष्ट्रपति वुडरो विल्सन को प्रोत्साहित किया था, उन्होंने मां को सम्मानित करने के लिए कार्नेशन पहनने की प्रथा शुरू की। परंपरागत रूप से, लाल या गुलाबी कार्नेशन्स ‘मदर्स डे’ को मनाने के लिए एक अच्छा उपहार है, जबकि सफेद कार्नेशन्स का उपयोग उस मां को सम्मानित करने के लिए किया जा सकता है जिसका निधन हो गया है।

‘मदर्स डे’ के कुछ रोचक तथ्य –

कैनवसपॉप की ओर से कराए गए एक वनपोल सर्वे में पाया गया कि इस साल मां को वास्तव में जो चाहिए वह है अपडेटेड फैमिली फोटो। इस सर्वेक्षण में शामिल मदर्स ने अनुमान लगाया कि घर में मौजूद बाकी लोगों के मुकाबले उनकी तस्वीरें 45% तक कम है।

हिस्ट्री डॉट कॉम के मुताबिक, ‘मदर्स डे’ वाले दिन, सबसे ज्यादा फोन कॉल्स और मैसेज किए जाते है, जो सामान्य दिनों के मुकाबले में 37 प्रतिशत तक ज्यादा है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि हर कोई अपनी मां को उन्हें हैप्पी मदर्स डे विश करने के लिए फोन करता है।

सोसाइटी ऑफ अमेरिकन फ्लोरिस्ट्स के अनुसार, इस दिन उनकी कुल बिक्री 25% तक बढ़ जाती है। लोग बाकी दिनों से ज्यादा इस दिन अपनी मां को फूल या गुलदस्ता देना पसंद करते है।

अभी तो कोरोना महामारी का समय चल रहा है लेकिन राष्ट्रीय रेस्तरां संघ के अनुसार, 2018 में लगभग 87 मिलियन वयस्कों ने ‘मदर्स डे’ वाले दिन अपनी मां के साथ रेस्त्रां में खाना पसंद किया था।

हम सभी जानते है कि मां निश्चित रूप से पदक की हकदार हैं, लेकिन इस कड़ी में फ्रांस का कदम सराहनीय था। प्रथम विश्व युद्ध में इतने सारे लोगों की जान जाने के बाद जनसंख्या के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए देश ने बड़े परिवारों की माताओं को पदक देना शुरू किया था। लेकिन फिलहाल इस परंपरा को बंद कर दिया गया है।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस दिन का धार्मिक महत्व भी है। यूनाइटेड किंगडम में “मदरिंग संडे” लेंट के चौथे रविवार को पड़ता है। 1700 के दशक में, जो परिवार दूर चले गए थे, वे उस मूल चर्च में घर लौट कर आते है, जहां वह प्राथनांए करते थे। इस दिन कई चर्च बच्चों को डैफोडील्स देते है ताकि वह अपनी मां को दे सके और परंपरागत रूप से, ब्रिटिश लड़कियां अपनी मां के लिए मार्जिपन के साथ एक फ्रूटकेक भी बनाती हैं।

 


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Manuj Bhardwaj

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