ऊर्जा मंत्री का गोविंद सिंह पर पलटवार, वे बहुत परेशान हैं अपनी पीड़ा कह नहीं पा रहे

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि वे पार्टी में अपनी उपेक्षा से परेशान हैं, अपनी पीड़ा किसी से कह नहीं पा रहे इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।

दरअसल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar)अपने विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर विधानसभा में दो दिवसीय पद यात्रा पर है उन्होंने स्वच्छ ग्वालियर, प्रदूषणमुक्त भारत, बिजली और पानी बचाओ का संदेश देने के लिए 29 और 30 जनवरी को पद यात्रा की। इस दौरान उन्होंने मौके पर ही लोगों की जन समस्याओं को दूर किया। बुजुर्गो और विधवाओं की पेंशन शुरू करवाई, गरीबों के घरों पर बैठकर खाना खाया, ठेलों पर नाश्ता किया। शुक्रवार को पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) किसान आंदोलन के समर्थन में ग्वालियर में चल रहे धरने में शामिल होने आये थे। मीडिया ने जब डॉ गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) से ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह (Pradyuman Singh Tomar) की पद यात्रा पर सवाल किया तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मैं तो उन्हें धन्यवाद देता हूँ और बधाई देता हूँ कि कम से कम वो अपनी सरकार के खिलाफ तो निकले। उन्होंने सच्चाई तो स्वीकार की, उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय उन्हें ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ी ना कोई कष्ट था। आज बेचारे बेचैन हैं,अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रहे हैं। इसलिए इस घुटन को दूर करने के लिये वे जनता के बीच पद यात्रा पर निकले हैं।

मीडिया ने आज शनिवार को जब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) से डॉ गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) के बयान पर प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कहा कि डॉ गोविंद सिंह की अपनी एक पीड़ा है। जिस तरीके से कांग्रेस पार्टी के भिंड जिला अध्यक्ष ने उन्हें पार्टी से निकालने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष के वे प्रबल दावेदार थे । पार्टी में जिस तरह से उनको महत्व नहीं मिल रहा है इसलिए वे बहुत परेशान हैं और अपनी पीड़ा अभिव्यक्त नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वो इधर उधर बयान दे रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी से कहूंगा वो गोविंद सिंह साहब की पीड़ा को समझे और उसका समाधान करें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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