मंत्री के आश्वासन के बाद भी शुरू नहीं हुआ ग्वालियर मेला, व्यापारियों ने किया अर्धनग्न प्रदर्शन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर व्यापार मेले (Gwalior Trade Fair) को शुरू करने की तारीख घोषित करवाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे ग्वालियर मेले के व्यापारियों ने आज ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण (Gwalior Trade Fair Authority) कार्यालय पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन (Protest)किया। व्यापारियों का कहना था कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Narendra Singh Tomar), सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia), प्रदेश के उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा (Omprakash Saklecha) से हम मुलाकात कर चुके हैं सभी ने मेला लगाने की सहमति दी है। उद्योग मंत्री ने तो 15 जनवरी तारीख भी दे दी लेकिन आज तक मेला उद्घाटन की तिथि घोषित नहीं की गई। व्यापारियों ने कहा कि जब देश में दूसरे मेले लग सकते हैं तो ग्वालियर व्यापार मेले के साथ दोहरी नीति क्यों?

कई महीनों से जारी है व्यापारियों का संघर्ष

सिंधिया रियासत (Scindia State) के समय शुरू हुए 110 साल से ज्यादा पुराने ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेले (Gwalior Trade Fair) को शुरू करवाने के लिए ग्वालियर मेला व्यापारी संघ अन्य व्यापारिक संगठनों के साथ मंत्रियों से मुलाकात कर संघर्ष कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में मेला व्यापारियों ने दिल्ली से लेकर भोपाल के कई चक्कर लगाए हैं, नेताओं को पत्र लिखे हैं उनसे मुलाकात भी की है। खास बात ये है कि उद्योग मंत्री ने तो 15 जनवरी तारीख भी दे दी बावजूद इसके मेला शुरू होने की तारीख अब तक घोषित नहीं हुई है।

उद्योग मंत्री ने 15 जनवरी का दिया था आश्वासन

व्यापारी संघ के वरिष्ठ सदस्य महेश मुदगल ने कहा कि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा लगाए जाने वाले गांधी शिल्प मेले की तारीख घोषित हो गई है, विदिशा मेले की तारीख घोषित हो गई, ग्वालियर में खादी मेला लगा गया तो उत्तर भारत के सबसे बड़े और देश के सबसे पुराने ग्वालियर व्यापार मेले के साथ दोहरी नीति क्यों अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने हम व्यापारियों से पूछा था कि आप कब से मेला शुरू करना चाहते हैं हमने कहा 10 जनवरी से तो वे बोले 15 जनवरी से शुरू करेंगे लेकिन आज तक उद्घाटन की तारीख ही नहीं आई। उन्होंने कहा कि हम ये चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी ग्वालियर मेले को शुरू करने को तारीख घोषित की जाए वरना हम व्यापारी खुद मेला शुरू कर देंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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