भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में दोबारा सत्ता संभालने के बाद शिवराज सरकार (shivraj government) प्रदेश के छात्रों के लिए बड़े निर्णय ले रही है। इसी बीच प्रदेश में ग्यारहवीं और बारहवीं तथा कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा (Residential facility) उपलब्ध कराने के लिए 51 जिले में छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। इतना ही नहीं 40 विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति (scholarship) भी राज्य शासन द्वारा मंजूर की गई है।
दरअसल पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा सहित विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति मंजूर की गई है। इसके साथ प्रदेश के 51 जिले में पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रावास का संचालन पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग (Backward classes and minorities department) द्वारा किया जा रहा है। विभाग द्वारा प्रदेश के 51 जिले में 100 सीटों की पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास भवन की स्थापना की गई थी। वहीं इसके लिए बजट में 5करोड़ 70 लाख का प्रावधान भी किया गया था। इसके अलावा पिछले वर्ग के विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा करवाने के लिए विभाग द्वारा आर्थिक लाभ दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक 10 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के रूप में मंजूर की है। इसके लिए पिछड़े वर्ग श्रेणी से 50 विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन के लिए चुना गया है।
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ज्ञात हो कि ग्यारहवीं और बारहवीं तथा कॉलेज में अध्यन करने वाली छात्राओं के लिए भी आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 50 सीटर पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास की स्थापना की गई। प्रदेश के शाजापुर, इंदौर, जबलपुर, दमोह और उज्जैन में यह काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही उज्जैन जिले में 100 सीटर बालक को 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन का निर्माण पूरे होने की तरफ और साथ ही जबलपुर जिले में 500 सीटर पिछड़ा वर्ग ने छात्रावास भवन निर्माण का कार्य किए जा रहा है। इसका फायदा प्रदेश के पिछड़े वर्ग के लाखों छात्र-छात्राओं को होगा।