ग्वालियर-चंबल में इस वर्ग को नजरअंदाज करना कांग्रेस को पड़ेगा भारी, कमलनाथ से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

Kashish Trivedi
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पूर्व विधायक

मुरैना, संजय दीक्षित। ग्वालियर-चंबल अंचल में वैश्य वर्ग ने 2018 के विधानसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाई थी। बीते चुनाव में कांग्रेस का साथ देने वाले वैश्य वर्ग को इस बात की उम्मीद थी कि इस बार भी कांग्रेस अंचल से किसी भी एक सीट से वैश्य वर्ग के प्रतिनिधि को टिकिट मिलेगा। लेकिन अब वैश्य समाज के लोगों को ऐसी संभावना नहीं दिख रही है। जिसके चलते वैश्य वर्ग में असंताेष है। समाज की बात कांग्रेस पार्टी के समक्ष रखने के लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स का एक प्रतिनिधि मंडल कमल नाथ से आज मुलाकात करने भी जाएगा।

बीते चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल के वैश्य वर्ग और व्यापारियों ने खुलकर कांग्रेस का साथ दिया था। ग्वालियर से मुन्नानाल को टिकिट भी दिया गया था। ग्वालियर चंबल में वैश्य वर्ग ने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग का खुला एलान किया था। जिसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल की। इस बार भी वैश्य वर्ग की यही मांग थी कि अंचल में कम से कम एक टिकिट वैश्य वर्ग के व्यक्ति को दिया जाए। इसके लिए कांग्रेस में ही कई योग्य वैश्य वर्ग के नेता हैं, जो टिकिट की मांग कर रहे हैं। वैश्य वर्ग ने साफ कर दिया है कि अगर इस बार कांग्रेस ने वैश्य वर्ग की अनदेखी की तो इसका भारी नुकसान कांग्रेस काे उठाना होगा।

चल रहीं अंदरूनी बैठकें कांग्रेस से किसी भी एक सीट पर वैश्य वर्ग को टिकिट दिलवाने को लेकर और टिकिट न मिलने पर कांग्रेस किसी अन्य दल का समर्थन करने जैसे मामलाें पर वैश्य वर्ग और विभिन्न व्यापारिक संगठनों के मुखिया लगातार बैठकें कर रहे हैं। इससे जाहिर है कि वैश्य वर्ग समाज के लिए एक टिकिट लाने के प्रति एक जुट है।


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