भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना (corona) संक्रमण के बीच एक बार फिर से स्वास्थ्य कर्मचारियों ने आंदोलन का ऐलान किया है। जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं आम जनता के बीच भी इसका असर देखने को मिल सकता है। दरअसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के 19000 से अधिक संविदा कर्मचारियों द्वारा आंदोलन का ऐलान किया गया है। बताया जा रहा है कि अपनी दो मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 17 मई से प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे।
बता दें कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगे क्यों उनकी नियमित कर्मचारियों के बराबर 90% वेतन दिया जाए और एनएचएम (NHM) द्वारा निष्कासित सपोर्ट स्टाफ को वापस से सर्विस में लिया जाए। इसके लिए संविदा कर्मचारी कर्मी कलेक्टर और सीएमएचओ (CMHO) को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) के नाम का ज्ञापन सौंपेंगे।
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इतना ही नहीं 18 से 20 मई तक प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिसके बाद 21 मई को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा कोरोना महामारी में शहीद हुए कर्मचारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी जबकि 22 मार्च को प्रदेश के 19000 संविदा कर्मचारी सुरक्षित भविष्य के लिए भीख मांग कर जनता से गुहार लगाएंगे।
वही संविदा कर्मियों का कहना है कि अगर इसके बाद भी सरकार द्वारा उनकी दोनों मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो प्रदेश भर में 24 तारीख से 19 हजार से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। जिसका सीधा सीधा असर स्वास्थ्य विभाग और जनता के बीच पड़ेगा। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के हजारों संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांग को पूरा किया जाता है या नहीं। यह देखना दिलचस्प है।