छतरपुर : दो होनहार छात्राओं ने दिन भर एसडीएम के साथ देखी प्रशासनिक गतिविधियां

Gaurav Sharma
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छतरपुर, संजय अवस्थी। गरीब परिवारों से जुड़ी बालिकाएं बुन्देलखण्ड में या तो पढ़ाई छोड़ देती हैं या फिर तमाम मुश्किलों से जूझती हुईं आगे बढ़ती हैं। चूंकि इन परिवारों को कोई गाइड करने वाला नहीं होता इसलिए अक्सर समस्याएं सामने आती हैं। छतरपुर एसडीएम प्रियांशी भंवर ने एक नया प्रयास शुरू किया है। तेजस्वनी नाम से व्यवस्था शुरू की। इस व्यवस्था के तहत उन्होंने गोद लिए गहरवार स्कूल की दो होनहार छात्राओं को पूरा दिन अपने साथ रखकर प्रशासनिक गतिविधियों से अवगत कराया और इसके बाद उनका फीडबैक भी लिया।

कलेक्टर ने जिले के स्कूलों को किसी न किसी अधिकारियों के हवाले किया है, ताकि वे स्कूलों की व्यवस्थाएं देखें और वहां की समस्याओं को अपने स्तर पर हल करें। छतरपुर एसडीएम प्रियांशी भंवर ने नई व्यवस्था शुरू की है। तेजस्विनी नाम से इस व्यवस्था को शुरू कर वे इसके माध्यम से छात्राओं को एसडीएम की कार्यप्रणाली से अवगत कराने की कोशिश कर रही हैं।

छतरपुर : दो होनहार छात्राओं ने दिन भर एसडीएम के साथ देखी प्रशासनिक गतिविधियां

गुरुवार को एसडीएम प्रियांशी भंवर ने गोद लिए गए गहरवार के हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 11 वीं की छात्रा पिंकी अहिरवार व प्राची अहिरवार को अपने साथ दिनभर रखकर विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया। एसडीएम ने बताया कि बुन्देलखण्ड में परिस्थितियोंवश बेटियों को कम पढ़ाया जाता है, इसलिए उन्होंने बेटियों को सशक्त करने व आगे बढ़ाने के उद्देश्य से तेजस्वनी कार्यक्रम चलाया है।

अच्छे अंक प्राप्त छात्राओं को वे अपने साथ एक दिन रखकर एसडीएम की कार्यप्रणाली से परिचय कराएंगी। गुरूवार को एसडीएम ने ईशानगर अस्पताल में बैठक ली। इसके बाद तहसील में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों के कार्डों के बारे में जानकारी लेते हुए छात्राओं को अवगत कराया। एसडीएम ने कोर्ट में बैठने के दौरान सावधानियों और सुनवाई के बारे में बताया। इसके बाद गौरगांय तथा ढड़ारी में अन्न महोत्सव की शुरूआत करने पहुंचने के दौरान इन कार्यों से भी अवगत कराया। आखिर में हौसला बढ़ाने के लिए छात्राओं को सम्मानित किया गया और उनसे दिन भर की गतिविधियों का फीडबैक लिया गया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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