शराब की ऑनलाइन बिक्री के प्रस्ताव पर बवाल, कमलनाथ ने कही ये बड़ी बात 

Atul Saxena
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) सहित भाजपा (BJP) के कई बड़े नेताओं द्वारा की जा रही शराब बंदी की मांग के बीच आबकारी  विभाग द्वारा बनाई  गई नई शराब नीति (Liquor Policy) के प्रस्तावों ने सियासी माहौल को गरमा दिया है। शराब की ऑनलाइन बिक्री के प्रस्ताव की बात सामने आने के बाद कांग्रेस ने शिवराज सरकार (Shivraj Government) पर बड़ा हमला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) ने ट्वीट (Tweet) कर कहा कि मै तो शुरू से कहता हूँ कि शिवराज सरकार (Shivraj Government) में लोगों को घर-घर राशन भले ना मिले लेकिन शराब (Liquor) ज़रूर मिलती है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने तीन ट्वीट (Tweet) कर शिवराज सरकार (Shivraj Government) को आड़े हाथ लिया है उन्होंने पहला ट्वीट (Tweet)किया – एक तरफ़ तो बाते कभी शराबबंदी की, कभी शराब (Liquor) की दुकानों को कम करने की, कभी शराब (Liquor) के ख़ात्मे की, लेकिन दूसरी तरफ़ काम निरंतर शराब (Liquor) के व्यवसाय को बढ़ाने का ? कभी शराब (Liquor) की दुकाने बढ़ाने का प्रस्ताव और अब होम डिलेवरी की तैयारी ?मै तो शुरू से कहता हूँ कि शिवराज सरकार (Shivraj Government) में लोगों को घर-घर राशन भले ना मिले लेकिन शराब (Liquor) ज़रूर मिलती है। कमलनाथ (Kamalnath) ने दूसरा ट्वीट किया – शराब (Liquor) प्रेमी शिवराज सरकार में कोरोना महामारी में भी भले धार्मिक स्थल बंद रहे, व्यापार- व्यवसाय बंद रहे, शादी के आयोजन नहीं हुए आखिरी ट्वीट में कमलनाथ ने कहा – कर्फ़्यू रहा लेकिन शराब (Liquor)  की दुकाने देर रात तक निर्बाध रूप से चालू रही।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार नई आबकारी नीति लेकर आ रही है। नई आबकारी नीति का ड्राफ्ट भी लगभग तैयार किया जा चुका है। जिसमें शराब की ऑनलाइन बिक्री (online liquor sell) का प्रस्ताव रखा गया है। तैयार ड्राफ्ट  आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा (jagdish devda) के पास भेज दिया गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे सीएम शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj) के पास भेजा जाएगा। उनकी मुहर के बाद इसे लागू किये जाने का रास्ता साफ़ होगा।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News