भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में आगामी नगरीय निकाय चुनाव (Urban body elections) को लेकर स्थिति कल सोमवार को स्पष्ट हो सकती है। दरअसल नगरीय निकाय आरक्षण (reservation) को लेकर ग्वालियर हाई कोर्ट (high court) में सोमवार को सुनवाई होगी। जहां इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को जवाब प्रस्तुत करना होगा। वही कोर्ट की सुनवाई के बाद ही प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
बता दे कि नगरीय निकाय आरक्षण के लिए सोमवार को सुनवाई होनी है। जहां 81 नगर निकाय के आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया को लेकर शिवराज सरकार (shivraj government) को जवाब प्रस्तुत करना है। इससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा निकाय चुनाव में महापौर अध्यक्ष पद के आरक्षण प्रक्रिया में गलती पाए जाने के बाद हाई कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी।
इस मामले में कोर्ट का कहना था कि रोटेशन पद्धति की अनदेखी कर अध्यक्ष पद का आरक्षण किया गया है। जिसमें आरक्षित वर्ग के व्यक्ति को दो बार चुनाव लड़ने की आजादी होगी। वही अनारक्षित वर्ग के व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल सकेगा। जिसके बाद इस पर अंतरिम रोक लगाई गई थी।
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इस मामले में एडवोकेट का कहना था कि अध्यक्ष पद का आरक्षण रोटेशन पद्धति अपनाते हुए किया जाना चाहिए था। ग्वालियर बेंच ने आदेश सुनाते हुए उस स्थिति का भी हवाला दिया था। जहां डबरा नगरपालिका और इंदरगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर आरक्षण पर रोक लगी थी। जिसकी वजह थी दोनों जगह अध्यक्ष का पद SC वर्ग के लिए लंबे समय से आरक्षित किया जा रहा था।
अब ऐसे में सरकार के पास मौका है कि वह कोर्ट में जवाब पेश कर आदेश को वापस लेने की गुहार लगा सकती है क्योंकि कोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश दिया गया है। जिसके बाद सोमवार को शिवराज सरकार स्टेशन मामले में HC को जवाब देगी। आरक्षण का मसला टलने के बाद ही प्रदेश में निकाय चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।
पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में देरी
बता दें कि इससे पहले पंचायत की चुनाव की प्रक्रिया में अध्यक्ष पद के आरक्षण ना होने की वजह से चुनाव रुक गई है। इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर अध्यक्ष पद के आरक्षण कराए जाने की बात कही थी। जानकारी के मुताबिक 23000 ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण ना होने की वजह से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में देरी हो रही है।