नगरीय निकाय चुनाव: राज्य निर्वाचन आयोग का जिलों को रिमाइंडर, 4 दिसंबर तक भेजा जाए डाटा

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में नगर निकाय चुनाव (Municipal elections) को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है। उपचुनाव (by-election) के बाद अब जल्द प्रदेश में नगर निकाय और पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे।। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग (State election commission) ने जिलों में नए पोलिंग बूथ (polling booth) की जानकारी मंगवाई थी। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने 20 नवंबर तक सभी जिलों को पोलिंग बूथ की संख्या बताने के लिए कहा था। हालांकि प्रदेश के 52 में से 37 जिलों ने अब तक नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर नए पोलिंग बूथ संख्या नहीं बताई है। इसके बाद एक बार फिर से निर्वाचन आयोग ने उन्हें अल्टीमेटम दिया है।

दरअसल पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलों में नई पोलिंग बूथ की जानकारी एवं संख्या पूछी थी। लेकिन अब तक कई जिलों द्वारा ने पोलिंग बूथ की जानकारी निर्वाचन आयोग को नहीं भेजी गई है। इस निर्वाचन आयोग ने 4 दिसंबर तक सभी जिलों को नए मतदान केंद्र से संबंधित जानकारी भेजने को कहा है। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्ग विजय सिंह ने बताया है कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। जिसके लिए जिलों को केंद्रों की संख्या बतानी होगी।

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ज्ञात हो कि नगर निकाय चुनाव में किसी भी मतदान केंद्र पर एक हजार से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। वही पंचायत चुनाव में एक बूथ पर अधिकतम 750 मतदाताओं की संख्या तय की गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक वोटर और बूथ की संख्या बताई जाए। इसके साथ ही प्रदेश में 5000 तक बूथ बढ़ने की संभावना है। बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए नगर निकाय चुनाव में मतदान केंद्रों पर एक हजार से ज्यादा वोटर नहीं होना चाहिए। वहीं पिछले चुनाव में एक बूथ पर 1250 से अधिक मतदाताओं का मतदान केंद्र तैयार किया जाता था।

पिछले आंकड़ों की बात करें तो नगर निकाय चुनाव में पूरे प्रदेश में 16918 मतदान केंद्र बनाए गए थे। जबकि पंचायत चुनाव में इसकी संख्या 67082 थी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इन दोनों चुनाव को मिलाकर 10,000 से अधिक बूथ बढ़ने की संभावना है। इतना ही नहीं अगर बूथों की संख्या बढ़ती है तो एक मतदान केंद्र पर चार-पांच अधिकारी होते हैं। जिसके बाद अधिकारियों की संख्या में भी वृद्धि की जाएगी।


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