भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में नगरीय निकाय चुनाव (urban body election) की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। फरवरी (february) के दूसरे सप्ताह में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। इससे पहले नगर निकाय चुनाव में अब बेहिसाब धन खर्च पर अंकुश लगाने के लिए कड़े निर्णय बनाए जा रहे हैं। जिसके बाद मध्य प्रदेश में पहली बार सरकार के गठन में पार्षदों को चुनाव खर्च का ब्यौरा देना होगा। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा टीम का गठन किया गया है।
दरअसल मध्यप्रदेश में पार्षदों के चुनावी खर्च पर अंकुश लगाने के लिए और खर्च पर निगरानी रखने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग अपने अधीन हेल्प डेस्क का गठन करने जा रही है। इसके लिए वित्त सेवा में वर्तमान और सेवा निर्मित अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। जो नगरीय निकाय चुनाव में पार्षदों के चुनावी खर्च का ब्यौरा और उनके खर्च पर निगरानी रखेंगे।
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बता दें कि निर्वाचन आयोग द्वारा नगरों की आबादी के आधार पर पार्षदों के चुनाव खर्च तय किए गए हैं। जा नगर पंचायत के पार्षदों के लिए खर्च का दायरा 75000 रुपए तक रहेगा। वही महानगर में पार्षदों के पास 8 लाख 75 हजार रुपए तक खर्च करने के अधिकार रहेंगे। वही जिन नगर निगम की आबादी 10 लाख से कम है। वहां खर्च की सीमा 3,75,000 निर्धारित की गई है।
इसके साथ ही प्रत्येक उम्मीदवार को चुनावी खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा। इतना ही नहीं चुनावी खर्च का प्रतिदिन का ब्यौरा तैयार रखना उम्मीदवार की जिम्मेदारी होगी। उम्मीदवार को चुनाव खर्च का ब्योरा चुनाव की तारीख से 30 दिन के अंदर जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध कराना होगा।