होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। गरीब कल्याण सप्ताह अंतर्गत शनिवार को जिला मुख्यालय सहित विभिन्न विकासखंडों में वन अधिकार उत्सव कार्यक्रम मनाया गया। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय वन अधिकार उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में विधायक विजयपाल सिंह, कलेक्टर धनंजय सिंह, मुख्य वन संरक्षक के के भारद्वाज, पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर, संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व सुनील कुमार सिंह, वन मंडल अधिकारी लाल जी मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम, सहायक आयुक्त आदिवासी कार्य विभाग श्रीमती चंद्रकांता सिंह, पीयूष शर्मा, जिला वनाधिकार समिति के सदस्य रामविलास उइके उपस्थित रहे।
इसी तरह विकासखंड पिपरिया एवं बनखेड़ी में विधायक ठाकुरदास नागवंशी एवं विकासखंड केसला में विधायक प्रेम शंकर वर्मा के मुख्य आतिथ्य में वन अधिकार उत्सव कार्यक्रम मनाया गया तथा हितग्राहियों को वन अधिकार दावों का वितरण किया गया। जिला मुख्यालय सहित सभी विकास खंडों में राज्य स्तरीय वन अधिकार उत्सव कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों के आदिवासियों से बातचीत की गई तथा उन्हें वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया।
वनाधिकार उत्सव के तहत प्रदेश के 47 जिलों में 22 हजार से अधिक वनाधिकार पत्रों का पात्र हितग्राहियों को वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री चौहान द्वारा होशंगाबाद जिले के केसला विकासखंड में आदिवासी महिलाओं द्वारा किये जा रहे मुर्गी पालन कार्य की सराहना की गई। उन्होंने कहा अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला समूह द्वारा किया गया यह सार्थक प्रयास समाज के सशक्तिकरण की दिशा में एक अच्छा कदम है। जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल ने कार्यक्रम में उपस्थित हितग्राहियों को संभोधित करते हुए कहा कि वन अधिकार उत्सव का यह दिन गौरवपूर्ण का है। आदिवासी भाई-बहनों को मिले वन अधिकार दावों से अब वे अपना भरण-पोषण व गरिमापूर्ण जीवनयापन कर सकेंगे। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा तत्परता से अमान्य/निरस्त वनाधिकार दावों के पुनःपरीक्षण कर स्वीकृत करने की कार्यवाही की प्रशंसा की। उन्होंने सभी हितग्रहियों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
विधायक विजय पाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार निरंतर अनुसूचित जनजाति वर्ग के सर्वांगिण विकास हेतु सतत प्रयासरत है, शासन की योजनाओं का लाभ आदिवासी वर्ग तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के बेहतर प्रयासों से आज आदिवासी भाइयों-बहनों को उनका हक प्राप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा अभियान के रूप में पूर्व निरस्त किए गए वन अधिकार दावों का सघन परीक्षण उपरांत वन अधिकार दावों के स्वीकृति की कार्रवाई की गई है।
कलेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि जिला एवं विकासखंड स्तर में 54 अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को उनके निवास–कृषि भूमि का मालिकाना हक प्रदान करते हुए वन अधिकार पट्टो का सांकेतिक रूप से वितरण किया जा रहा है। विकासखंड केसला के 30, बाबई के 12 ,पिपरिया के 10 एवं बनखेड़ी के 2 हितग्राहियों को वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 3700 व्यक्तिगत वन अधिकार हक प्रमाण पत्र व 602 सामुदायिक वन अधिकार हक प्रमाण पत्र दिए जा चुके हैं। वर्तमान में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 299 निरस्त/अमान्य दावों के पुनः परीक्षण उपरांत 72 दावेदारों के दावे मानने योग्य पाए गए हैं। वन अधिकार दावों की पुनः परीक्षण की प्रक्रिया सतत जारी है। उन्होंने बताया कि जिले में शासन के निर्देशानुसार पूर्ण पारदर्शिता से एमपी वन मित्र पोर्टल के तकनीकी माध्यम से वन अधिकार अधिनियम द्वारा अमान्य दावों की पुन: परीक्षण की कार्रवाई की जा रही है।
जिला स्तरीय वन अधिकार उत्सव कार्यक्रम में शनिवार को 10 हितग्राहियों को सांकेतिक रूप से वनाधिकार पट्टों का वितरण किया गया। इनमें केसला विकासखंड के रघुवीर पिता रामकिशन, रामस्वरूप पिता जयराम, बिशनलाल पिता वारेलाल ,लखनलाल पिता हीरालाल एवं सुरेश उइके तथा बाबई विकासखंड के प्रमोद पिता शानिराम, शेर सिंह पिता केदुलाल, राजकुमारी बाई ठाकुर, राधेश्याम उइके एवं झिमरू दरोई को वन अधिकार पत्र का वितरण किया गया। अपने निवास/ कृषि भूमि पर मालिकाना हक मिलने पर सभी लाभार्थियों ने खुशी जाहिर की।