सीहोर, अनुराग शर्मा। अपनी मांगों को मनवाने या जनप्रतिनिधि को उसका किया वादा याद दिलाने के लिए कई तरह के आंदोलन लोग करते हैं लेकिन मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में नसरुल्लागंज के ग्रामीणों ने अलग तरह का प्रदर्शन किया।
मंगलवार को जनसुनवाई में बुधनी विधानसभा के नसरूल्लागंज विकास खंड के ग्राम पलासपानी के ग्रामीणों ने कलेक्टर से हाथ जोड़कर कहा कि “शिवराज भैया ने गांव में कही और अब मुकर गए, हम तो हाथ जोडकर पूछ रहे हेंगे सीएम साहब हमसे का भूल भई है जो तुमने उन्नीस करोड़ की सिंचाई परियोजना से हमारे गांव के बाहर कर देय है”
ये भी पढ़ें – Gwalior News: कृषि छात्रों ने लिखा खून से पत्र, राष्ट्रपति और CJI से मांगी इच्छा मृत्यु
ग्रामीणों ने कहा कि हमारे विधायक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने गांव में पहुंचकर कहा था कि अगले पांच वर्ष में किसानों (Farmers) की आय को दुगना करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। उन्होने दो लघु सिंचाई परियोजना को स्वीकृत किया था। नसरूल्लागंज विकास खंड के ग्राम महादेव बेदरा में उन्नीस करोड़ तीस लाख रुपये लागत की इस परियोजना के पूरा होने पर 1200 एकड़ में सिचाई का लक्ष्य रखा था। उन्होने कहा था की ग्यारह करोड़ पैसठ लाख रुपये लागत की इस सिंचाई परियोजना में करीब 750 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। हम से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री (CM) ने कहा था कि पलासपानी और पातल पट तलाई योजनाओं का सर्वे कराया जा रहा है।
उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिये थे स्वीकृत योजनाओं का निर्माण कार्य शुरू भी हो गया है लेकिन अब आदिवासी बहुल ग्राम पलासपानी को सिंचाई परियोजना से बाहर कर दिया गया है। जबकि सीएम (CM) के द्वारा 25/05/2017 को पलासपानी एवं पाटतलाई को कोलार नहर से लिफ्ट द्वारा खेतों की सिचाई के लिए पानी देने की घोषणा की गई थी इस के बाद भी पलासपानी को छोड़कर अमीरगंज भैसान खापा और पाटतलाई को जोड़ दिया गया है। पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। जबकि राजस्व ग्राम पलासपानी में भी पूर्व में सर्वे कार्य पूर्ण कराया जा चुका था । आखिर पलासपानी के ग्रामीणों से क्या गलती हो गई है जो योजना से पलासपानी को बाहर कर दिया है।
कलेक्टर के नाम दिए पत्र में हाथ जोड़कर सीएम (CM) की घोषणानुसार पलासपानी के गरीब आदिवासी किसानों को भी सिंचाई परियोजना का लाभ देने की मांग की गई है। ज्ञापन देने वालों में चंदर सिंह, गजराज, अनिल, सुरेंद्र सिंह, राकेश, आसाराम, भंवर सिंह, बृजलाल, कमल सिंह भागवती बाई, कृष्णा बाई सारदा बाई राफल बाई, गुलाब बाई सहित कई ग्रामीण शामिल थे।