विवेक तन्खा की कमलनाथ से ये अपील, कहा- अधिकारी राजनीतिक ज्यादा और पब्लिक सर्वेंट कम

Kashish Trivedi
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विवेक तन्खा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) विधानसभा शीतकालीन सत्र (Assembly Winter Session) को लेकर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। दरअसल कोरोना काल (corona era) के दौरान विधानसभा शीतकालीन सत्र के स्थगित होने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ (kamalnath) ने विभाग के अधिकारियों पर साजिश कर विधानसभा सत्र स्थगित कराने का आरोप लगाया है। वही नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने विशेषाधिकार हनन और विधानसभा की अवमानना की सूचना उपलब्ध कराते हुए प्रोटेम स्पीकर से अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीँ इस मुद्दे पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (vivek tankha) ने भी कमलनाथ से बड़ी अपील की है।

दरअसल विवेक तंखा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि सदन को स्थगित करवाने की साजिश रचने वाले तीनों अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए और इसके लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। इतना ही नहीं राज्यसभा सांसद तन्खा ने कहा कि ग़लत तथ्यों के आधार पर विधानसभा का सेशन स्थगित करवाया गया है। जो आपराधिक कृत्य है। इतना ही नहीं विवेक तन्खा ने कहा कि अधिकारियों पर विभागीय जांच कर उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही साजिश में मुख्य सचिव की भागीदारी पर भी विवेक तन्खा ने अफसोस जताया है।

राज्यसभा सांसद तन्खा ने ट्वीट करते हुए कहा कि अधिकारियों राजनीतिक ज्यादा और पब्लिक सर्वेंट कम नजर आ रहे हैं। वही विवेक तन्खा ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के विशेष अधिकार का हनन प्रस्ताव 3 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध प्रिविलेज कानून के अनुरूप है। वहीं उन्होंने कमलनाथ से अपील की है कि इस मुद्दे पर पूरी सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए। इतना ही नहीं विवेक तंखा की इस मांग पर अब पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी समर्थन दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा विधानसभा की कार्रवाई को प्रभावित करने के लिए झूठ बोलने वाले अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।

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बता दें कि कोरोना काल में स्थगित हुए शीतकालीन सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र को निरस्त करवाने में 3 आईएएस अधिकारियों की साजिश का मामला बताया है। इतना ही नहीं कमलनाथ ने यह भी खुलासा किया है कि विधानसभा सचिव के इस मामले में हस्तक्षेप रहे हैं।

पत्र में कहा गया है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को निरस्त कराने में अपर सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मो.सुलेमान, आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ संजय गोयल और भोपाल जिले के सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी की भूमिका पूर्णता संदिग्द और साजिश पूर्ण है। इन अधिकारियों ने विधानसभा सचिवालय और विधायक विश्राम गृह में फर्जी कोरोना की साजिश रची और सर्वदलीय बैठक में कोरोना पीड़ितों के गलत आंकड़े प्रस्तुत किए और कई तथ्य छिपाए। ऐसा करके इन अधिकारियों ने भारतीय संविधान के अंतर्गत निष्ठा एवं ईमानदारी की शपथ का उल्लंघन किया और जनहित के विरुद्ध कार्य है। वही कमलनाथ ने प्रोटेम स्पीकर से इस पर कार्रवाई की मांग की है।


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