सीहोर।अनुराग शर्मा
शनिवार को शहर के गाड़ी अड्डा स्थित राजपूत समाज के ट्रस्ट श्रीराम मंदिर पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नेतृत्व में एससी-एसटी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची का अंग बनाने का विरोध, पत्र लिखने वाले जनप्रतिनिधियों के पुतले जलाकर चेतावनी दी है कि अगर इसका कोई समर्थन करेगा तो लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध किया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह चौहान ने बताया कि एससी-एसटी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची का अंग बनाने के लिए विधायक महेश परमार, रामलाल मालवीय, भाजपा के सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की गई है। जो सामान्य और पिछड़ा वर्ग की जातियों के साथ न सिर्फ भेदभाव है, बल्कि अत्याचार है। इसके विरोध में मध्यप्रदेश के प्रदेश व्यापी आह्वान किया विरोध किया गया है।
उन्होंने बताया अगर एससी-एसटी आरक्षण संविधान की नौवीं अनुसूची का अंग बन जाता है तो कोई भी अनुसूचित जाति या जनजाति का व्यक्ति किसी सामान्य वर्ग या पिछड़े वर्ग के व्यक्ति के खिलाफ पुलिस मे शिकायत करता है तो बिना जांच के तुरंत गिरफ्तारी होगी। कोर्ट एससी-एसटी आरक्षण की किसी भी प्रकार से समीक्षा भी नहीं कर पाएगा। सांसद अनिल फिरोजिया व विधायकों द्वारा की गई यह मांग न सिर्फ सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग पर अत्याचार होगा, बल्कि यह भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन करता है। किसी भी विषय मे पहले जांच होती है फिर दोषी साबित होने पर गिरफ्तारी और सजा होती है। लेकिन बिना जांच के गिरफ्तारी का नियम उल्टी गंगा बहाने जैसा विनाशकारी साबित होगा। इसलिए एससीएसटी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की घोर निंदा की गई। साथ ही सभी तहसील में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक महेश परमार और रामलाल मालवीय के खिलाफ लोकतांत्रिक जन आंदोलन करने और विरोध स्वरूप पुतला दहन की अपील भी की है।
ठाकुर ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों की राय इस संबंध में ली जाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान सतपाल सिंह, विरेन्द्र सिंह, अक्षय राज, वरुण सिंह, रितुराज, भानू प्रताप सिंह, ईश्वर सिंह, हरगोविन्द सिंह, शेलेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, राजेन्द्र, चंद्रपाल, रंजीत सिंह, बलवीर सिंह, देवराज, रोहित, जितेन्द्र, एलकार, मनीष, शांति, सरदार सिंह, राहुल सिंह और चंद्रप्रकाश सिंह आदि शामिल थे।